भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के लिए मिल सकता है लाइसेंस, Elon Musk की कंपनी को फायदा!

अगर इस प्रपोजल को स्वीकार किया जाता है तो यह देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल Reliance Jio के लिए झटका होगा

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 18 दिसंबर 2023 23:13 IST
ख़ास बातें
  • यह प्रपोजल टेलीकम्युनिकेशंस सेक्टर के लिए ड्राफ्ट बिल में शामिल है
  • एलन मस्क की स्टारलिंक ने इस स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी का विरोध किया था
  • रिलायंस जियो इसके लिए नीलामी के पक्ष में है

बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक रिलायंस जियो का मानना है कि इसके लिए नीलामी सही तरीका है

देश में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज के लिए स्पेक्ट्रम देने में लाइसेंसिंग का प्रोसेस हो सकता है। इससे ये सर्विसेज देने वाली कंपनियों को स्पेक्ट्रम के लिए बिड नहीं देनी होगी। यह दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति Elon Musk की कंपनी Starlink के लिए फायदेमंद हो सकता है। स्टारलिंक ने इस स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी के खिलाफ लाबीइंग की थी। 

Reuters की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस प्रपोजल को टेलीकम्युनिकेशंस सेक्टर के लिए ड्राफ्ट बिल में शामिल किया गया है। यह बिल 138 वर्ष पुराने Indian Telegraph Act की जगह लेगा, जो इस सेक्टर पर नियंत्रण करता है। इस बिल को सोमवार को संसद में मंजूरी के लिए पेश किया गया है। अगर इस प्रपोजल को स्वीकार किया जाता है तो यह देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio के लिए झटका होगा। विदेशी इंटरनेट सर्विस कंपनियों ने इस स्पेक्ट्रम के लिए लाइसेंस देने की डिमांड की थी। इन कंपनियों का मानना है कि अगर भारत में इसके लिए नीलामी होती है तो अन्य देशों में भी इस तरीके को लागू किया जा सकता है। इससे इन कंपनियों की कॉस्ट और इनवेस्टमेंट में बढ़ोतरी होगी। 

हालांकि, रिलायंस जियो का कहना है कि इसके लिए नीलामी सही तरीका है। मस्क की स्टारलिंक चाहती है कि केंद्र सरकार स्पेक्ट्रम की नीलामी न करे और अन्य देशों की तरह इसके लिए सर्विस शुरू करने के लिए लाइसेंस जारी करे। कंपनी का मानना है कि यह एक नेचुरल रिसोर्स है और इसे कंपनियों को शेयर करना चाहिए। स्टारलिंक का कहना है कि नीलामी से भौगोलिक बंदिशें लग सकती हैं जिससे कॉस्ट में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, रिलायंस जियो इससे सहमत नहीं है। कुछ महीने पहले कंपनी ने सरकार को भेजे पत्र में स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी कराने की मांग की थी। 

रिलायंस जियो ने कहा था कि विदेशी सैटेलाइट सर्विस प्रोवाइडर्स वॉयस और डेटा सर्विसेज उपलब्ध करा सकते हैं और इससे देश की टेलीकॉम कंपनियों को मुश्किल होगी। इस वजह से कंपनी ने नीलामी कराने की मांग की है जिससे प्रतिस्पर्धा की समान स्थितियां हो सकेगी। पिछले वर्ष यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत से ही स्टारलिंक ने यूक्रेन को सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराई थी। यूक्रेन को फ्री सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने में स्‍टारलिंक की मुख्य कंपनी ने बड़ा खर्च किया था। 
 

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)

 

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