चीन ने अपनी पहली हाइड्रोजन-पावर्ड ट्रेन का सफल परीक्षण कर लिया है। घरेलू रूप से डेवलप इस टेक्नोलॉजी को पिछले हफ्ते गुरुवार को परखा गया था। भारत की तरह ही चीन भी वायु प्रदूषण की समस्या से जूझता आ रहा है, ऐसे में हाइड्रोजन-पावर्ड ट्रेन स्वच्छ शहरी परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। ट्रेन हाइड्रोजन एनर्जी प्रपल्शन सिस्टम के जरिए दौड़ती है, जिसमें टेस्ट डेटा के अनुसार, केवल 5 किलोवाट-घंटे प्रति किलोमीटर की औसत ऊर्जा की खपत होती है। एनर्जी एफिशिएंसी के मामले में यह काफी अच्छी संख्या है।
CGTN के
मुताबिक, हाइड्रोजन-पावर्ड ट्रेन का यह ट्रायल रन गुरुवार सुबह जिलिन प्रांत के चांगचुन में हुआ। इस टेक्नोलॉजी को CRRC चांगचुन रेलवे वाहन द्वारा विकसित किया गया है। अपने सफल टेस्ट रन के दौरान ट्रेन ने पूरी तरह से लोड होने पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड हासिल की। ट्रेन 1,000 किलोमीटर से अधिक की प्रभावशाली ड्राइविंग रेंज का दावा करती है, जिससे ईंधन भरने के लिए रुकने की आवश्यकता काफी कम हो जाती है।
टेस्ट रन से पहले, हाइड्रोजन पावर सिस्टम को स्थायित्व, अत्यधिक तापमान (-25 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस तक) में प्रदर्शन, वाइब्रेशन रजिस्टेंस, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कंपेटिबिलिटी और फायर सेफ्टी के लिए टेस्ट से गुजरना पड़ा था।
यह सफल परीक्षण चीन के रेल ट्रांजेट के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। भारत में भी अब यातायात के लिए इस टेक्नोलॉजी पर फोकस किया जा रहा है, खासतौर पर कार जैसे फोर-व्हीलर्स के लिए। टोयोटा (Toyota) पहले ही ग्लोबल लेवल पर अपनी एक कार को प्रदर्शित कर चुकी है, जो हाइड्रोजन से पावर लेकर लंबी दूरी तय करने में सक्षम है।