डिजिटल स्कैम से बचने के लिए सरकार ने दी इन विदेशी कोड से कॉल्स नहीं लेने की चेतावनी....

आमतौर पर ये अपराधी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की गिरफ्त से बचने के लिए विदेश से अपना नेटवर्क चलाते हैं

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 2 दिसंबर 2024 20:04 IST
ख़ास बातें
  • इन कोड्स में +77, +84, +85, +86 और +89 शामिल हैं
  • संदिग्ध कॉल्स की रिपोर्ट Sanchar Saathi पोर्टल पर दी जा सकती है
  • हाल ही में विदेशी हैकर्स के हजारों वॉट्सऐप एकाउंट को ब्लॉक किया गया था

संदिग्ध कॉल्स की रिपोर्ट Sanchar Saathi पोर्टल पर दी जा सकती है

पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल के जरिए स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस तरह के मामलों में अपराधी अपने शिकार को डराकर रकम ट्रांसफर करने के लिए दबाव डालते हैं। आमतौर पर ये अपराधी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की गिरफ्त से बचने के लिए विदेश से अपना नेटवर्क चलाते हैं। 

टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कुछ विदेशी कोड्स से आने वाली कॉल्स से सतर्क रहने की सलाह दी है। इन कोड्स में +77, +84,  +85, +86 और +89 शामिल हैं। इस पोस्ट में बताया गया है कि DoT और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से इस प्रकार की कॉल्स नहीं की जाती। संदिग्ध कॉल्स की रिपोर्ट Sanchar Saathi पोर्टल पर दी जा सकती है। इससे DoT को इन फोन नंबर्स को ब्लॉक करने में सहायता मिलती है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष के पहले 10 महीनों में देश में स्कैमर्स ने लगभग 2,140 करोड़ रुपये की ठगी की है। 

हाल ही में इंडियन सायबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और DoT ने विदेशी हैकर्स के कम से कम 17,000 वॉट्सऐप एकाउंट्स को ब्लॉक किया था। इसका लक्ष्य विदेशी क्रिमिनल नेटवर्क को नष्ट करना और देश की डिजिटल सुरक्षा को बढ़ाना है। इस वर्ष मई में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने कंबोडिया, फिलिपींस, लाओस और म्यांमार जैसे दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से संगठित सायबरक्राइम में बढ़ोतरी से निपटने के लिए एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी बनाई थी। देश में सायबर फाइनेंशियल फ्रॉड्स का लगभग 45 प्रतिशत दक्षिण पूर्व एशिया से होता है। ये अपराध अधिक जटिल और बड़े हो गए हैं। इससे पीड़ितों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ये हैकर्स जिस इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हैं उसे नष्ट करने के लिए I4C ने कई कदम उठाए हैं। I4C की जांच में पता चला है कि सायबर क्रिमिनल अपने जाल में फंसाने के लिए लोगों को निवेश के मौकों, गेम्स, डेटिंग ऐप्स. क्रिप्टोकरेंसी और जाली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की पेशकश करते हैं। ये लोगों को अक्सर सोशल मीडिया पर अपने जाल में फंसाते हैं। 

कुछ महीने पहले अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) ने बताया था कि इस तरह के स्कैम्स में जालसाज क्रिप्टो से जुड़े इनवेस्टमेंट की एडवाइज की पेशकश करते हैं और लोगों को जाली टोकन्स में रकम लगाने के लिए कहते हैं। इसमें अधिक रिटर्न मिलने का लालच दिया जाता है। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
#ताज़ा ख़बरें
  1. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  2. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  3. अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! FIR से लेकर सबूत तक होगा ऑनलाइन
  4. Honor की Magic 8 सीरीज के लॉन्च की तैयारी, 4 मॉडल हो सकते हैं शामिल
  5. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
  6. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
  7. itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
  8. Vivo T4 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा
  9. सस्ते PC और लैपटॉप पर भी चलेंगे जबरदस्त ग्राफिक्स वाले गेम्स, भारत में लॉन्च हो रहा है Nvidia Geforce NOW
  10. OnePlus Ace 6, Realme Neo 8 में होगी करीब 8,000mAh बैटरी, हुआ खुलासा, जानें सबकुछ
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.