केंद्र सरकार ने इस ऑर्डर को वापस ले लिया है क्योंकि Sanchar Saathi ऐप को डाउनलोड करने वाले यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है
विपक्षी दलों ने कहा था कि इस ऑर्डर से नागरिकों के प्राइवेसी से जुड़े अधिकारों का उल्लंघन होगा
देश में बिकने वाले स्मार्टफोन्स में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का ऑर्डर केंद्र सरकार ने बुधवार को वापस ले लिया। इस ऑर्डर को लेकर विवाद बढ़ गया था। विपक्षी दलों का कहना था कि स्मार्टफोन्स में इस ऐप के जरिए सरकार की कोशिश नागरिकों का डेटा हासिल करने के साथ ही उनकी जासूसी करने की है।
अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple सहित कुछ स्मार्टफोन कंपनियों ने इस ऑर्डर का विरोध करने का फैसला किया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने बताया है कि सरकार ने इस ऑर्डर को वापस ले लिया है क्योंकि Sanchar Saathi ऐप को डाउनलोड करने वाले यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले एक दिन में इस ऐप को छह लाख से अधिक यूजर्स ने डाउनलोड किया है। संचार साथी ऐप के लगभग 1.4 करोड़ कुल यूजर्स हो गए हैं। इस ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन से जुड़े ऑर्डर का उद्देश्य इस प्रक्रिया में तेजी लाना था।
विपक्षी दलों ने सरकार के इस आदेश का कड़ा विरोध किया था। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने कहा था कि इससे नागरिकों के प्राइवेसी से जुड़े अधिकारों का उल्लंघन होगा और इस ऐप का इस्तेमाल लोगों की जासूसी करने के लिए हो सकता है। हालांकि, इस विवाद के बाद टेलीकॉम मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia ने बताया था कि स्मार्टफोन्स में इस ऐप को डिलीट किया जा सकेगा। उन्होंने कहा था, "यह ऐप पूरी तरह वैकल्पिक है। अगर आप इसे डिलीट करना चाहते हैं, तो आप कर सकते हैं। अगर आप रजिस्टर नहीं करना चाहते, तो आपको रजिस्टर नहीं करना चाहिए और इसे कभी भी हटाया जा सकता है।" सिंधिया ने बुधवार को लोकसभा में बताया, "संचार साथी ऐप के साथ जासूसी संभव नहीं है। मैं इसे किसी अन्य ऐप की तरह डिलीट कर सकता हूं। लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक के पास यह अधिकार है। हमने यह कदम इस ऐप की सभी तक पहुंच बनाने के लिए उठाया था।"
टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि सभी स्मार्टफन मैन्युफैक्चरर्स और इम्पोर्टर्स को यह पक्का करना होगा कि देश में बिकने वाले डिवाइसेज पर संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल किया जाए। इस आदेश का उद्देश्य डिजिटल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों को रोकने के साथ ही स्मार्टफोन्स के सेकेंड हैंड मार्केट में नकली डिवाइसेज की बिक्री पर लगाम लगाना है।
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