भारत में गूगल के लिए बढ़ रही मुश्किलें, CCI ने इस महीने दूसरी बार लगाया भारी जुर्माना

अमेरिकी टेक कंपनी को अपने पेमेंट्स ऐप और इन-ऐप पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए मार्केट में पोजिशन का गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 25 अक्टूबर 2022 21:05 IST
ख़ास बातें
  • CCI ने गूगल पर 936 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है
  • कंपनी को पोजिशन का गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया है
  • इससे पहले भी कुछ कंपनियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई हो चुकी है

CCI ने कहा कि गूगल ने ऐप डिवेलपर्स को इन-ऐप पेमेंट सिस्टम के लिए मजबूर किया है

इंटरनेट सर्च से जुड़े Google को चलाने वाली कंपनी Alphabet पर एक अन्य एंटीट्रस्ट मामले में कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने 936 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इस अमेरिकी टेक कंपनी को अपने पेमेंट्स ऐप और इन-ऐप पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए मार्केट में अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया है।

CCI ने कहा कि गूगल ने ऐप डिवेलपर्स को उसके इन-ऐप पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया है। डिवेलपर्स के लिए अपने कार्य से कमाने का एक बड़ा जरिया इन-एप डिजिटल गुड्स की बिक्री करना होता है। CCI के इस फैसले पर गूगल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। CCI ने एक स्टेटमेंट में कहा कि गूगल को कॉम्पिटिशन विरोधी तरीकों को बंद करने और इनसे बचने का निर्देश दिया गया है। स्टेटमेंट में कहा गया है कि गूगल को ऐप डिवेलपर्स को किसी थर्ड-पार्टी बिलिंग या पेमेंट प्रोसेसिंग सर्विसेज का इन-ऐप परचेज या ऐप परचेज खरीदने के लिए इस्तेमाल करने से नहीं रोकना चाहिए। 

पिछले सप्ताह गूगल पर एंड्रॉयड से जुड़े कॉम्पिटिशन विरोधी तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए CCI ने लगभग 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। कंपनी के खिलाफ देश के स्मार्ट टीवी मार्केट में भी कारोबार करने के तरीके को लेकर एक अलग जांच चल रही है। Google ने पिछले सप्ताह कंपनी पर लगाए गए जुर्माने के बारे में कहा था कि यह देश में कंज्यूमर्स और बिजनेस के लिए एक "बड़ा झटका" है। गूगल का कहना था कि Android ने लोगों को अधिक विकल्प दिए हैं और यह भारत और दुनिया भर में हजारों सफल बिजनेस को सपोर्ट देता है। 

गूगल के प्रवक्ता ने ईमेल से दिए स्टेटमेंट में कहा था , "CCI का फैसला भारत में कंज्यूमर्स और बिजनेस के लिए एक बड़ा झटका है। इससे ऐसे लोगों के लिए सिक्योरिटी से जुड़े रिस्क होंगे जो एंड्रॉयड के सिक्योरिटी फीचर्स पर विश्वास करते हैं। इससे मोबाइल डिवाइसेज की कॉस्ट बढ़ जाएगी।" कंपनी ने बताया था कि वह अगले कदमों को तय करने के लिए फैसले की समीक्षा करेगी। देश में एंड्रॉयड-बेस्ड स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल करने वाले कई लोगों से शिकायतें मिलने के बाद CCI ने इस मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया था। एंड्रॉयड एक ओपन सोर्स मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स के ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) की ओर से इंस्टॉल किया जाता है। 
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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