Google (गूगल) की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट(Alphabet) अपने इंटरनेट बैलून बिजनेस Loon (लून) को बंद कर रही है। इसका मकसद टेलीकॉम सेल टावरों के विकल्प के तौर पर सस्ता साधन उपलब्ध करवाना था। हालांकि गूगल का यह बिजनेस फायदे का सौदा साबित नहीं हुआ और कंपनी ने इस बिजनेस को बंद करने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि अल्फाबेट ने लून को 2011 में शुरू किया था। गूगल का मकसद इसके जरिए दुनिया के ऐसे इलाकों में मोबाइल इंटरनेट नेटवर्क स्थापित करना था, जहां टेलीकॉम टॉवर नहीं लगाए जा सकते या फिर इन्हें लगाना बहुत महंगा है।
Google ने इसके लिए टेनिस कोर्ट के आकार के बैलून का इस्तेमाल किया। यह बैलून हवा में लटकता है और सोलर पावर से चलता है। लून के चीफ एग्जिक्यूटिव Alastair Westgarth ने ब्लॉग पोस्ट में कहा, हमें इसमें दिलचस्पी दिखाने वाले कई पार्टनर बने। लेकिन हमें ऐसा रास्ता नहींं मिला जिसमें कॉस्ट को कम कर लॉन्ग टर्म सस्टेनेबल बिजनेस को खड़ा किया जा सके। अल्फाबेट ने 2020 में केन्या में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। हालांकि वहां इसकी पार्टनर Telkom Kenya ने इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।
दरअसल
गूगल जिस बैलून के जरिए लोगों को नेटवर्क देने की योजना बना रही थी , उसमें हीलियम गैस भरी होती है। वैसे टावर की तुलना में एक बैलून ज्यादा एरिया को कवर करता है और वह अधिक लोगों को इंटरनेट दे सकता है। लेकिन इसमें एक दिक्कत यह थी कि एक बैलून आसमान में सिर्फ 5 महीने ही हवा में रह सकता है। टेलीकॉम कंपनियों के लिए यह बैलून काफी खर्च वाला साधन था, जिसके चलते गूगल के इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी खत्म हो गई।
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