Google शुरुआत से खोज परिणामों को लेकर में चर्चा में आ गया था। इंटरनेट पर यूजर्स सर्च इंजन से अपेक्षा रखते हैं कि जो वह ढूंढना चाहते हैं वह उन्हें सुगम तरीके से और प्रासंगिक रूप में मिले। गूगल ने अपने सर्च पेज पर सर्च बार को सबसे अधिक स्थान देकर लोगों के जहन में जगह बना ली और यह प्रासंगिक खोज परिणामों के कारण लोगों की जानकारी के लिए जाने वाला नंबर एक मंच बन गया। मगर जानकारी की प्रासंगिकता ही काफी नहीं है। जो जानकारी आपको दी जा रही है वह कितनी भरोसे लायक है इस बात का बहुत महत्व होता है। जानकारी की विश्वसनीयता के बारे में गूगल ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया था मगर अब यह इसे लेकर गंभीर है।
Recode के मुताबिक Google अपने यूजर्स को तेजी से बदल रही ब्रेकिंग न्यूज की जानकारी देने की शुरूआत करने वाला है। रिजल्ट पेज ठोस खोज परिणामों के लिए कुछ बैज लगाएगा जैसे "ऐसा लगता है कि ये परिणाम तेज़ी से बदल रहे हैं" और "यदि यह विषय नया है, तो विश्वसनीय स्रोतों द्वारा परिणा मों को जोड़े जाने में कभी-कभी समय लग सकता है।" Google का
सुझाव है कि संभावित यूजर्स अधिक विश्वसनीय खोज परिणामों के लिए फिर से परिणामों की जांच करने के लिए बाद में वापस आएंगे।
फिलहाल ये नोटिफिकेशन केवल यूएस-आधारित अंग्रेजी-भाषा के परिणामों पर दिखाई देती हैं "जब कोई विषय तेजी से विकसित हो रहा हो और स्रोतों की एक श्रृंखला को अभी तक मापा नहीं गया हो"। मगर आने वाले कुछ महीनों में ये नोटिफिकेशन अन्य बाजारों में भी दिखाई देना शुरू हो जाएंगी।
इसका सबसे अच्छा उदाहरण चेतावनी लेबल के साथ "106 मील प्रति घंटे की रफ्तार पर फिल्माया य़ूएफओ" के लिए खोज परिणाम हो सकता है, जैसा कि The Verge कहते हैं। बस "106 मील प्रति घंटे की रफ्तार पर फिल्माया य़ूएफओ" के लिए खोजें। पहले परिणामों में से एक 2016 में वेल्स में हुई एक कहानी के बारे में होगा। लेकिन जैसा कि आप समझते हैं, यह वह कहानी नहीं है जिसे यूजर्स अभी खोज रहे हैं।
जैसा कि Google खोज सार्वजनिक संपर्क डैनी सुलिवन ने
Recode को बताया, "किसी ने इस पुलिस रिपोर्ट वीडियो को वेल्स में जारी किया था, और इसमें थोड़ा सा प्रेस कवरेज था। लेकिन इसके बारे में अभी भी बहुत कुछ नहीं है। लेकिन लोग शायद इसे ढूंढ रहे हैं, हो सकता है सोशल मीडिया पर घूम रहे हों। तो हम कह सकते हैं कि यह चलन शुरू हो रहा है। और हम यह भी बता सकते हैं कि जरूरी नहीं कि बहुत अच्छी चीजें हों। और हम यह भी सोचते हैं कि शायद नई चीजें साथ आएंगी।”
इसके अलावा Google आधिकारिक बयानों से पहले गलत सूचना फैलाने की बात कर रही थी। अगर आधिकारिक बयानों के प्रति अविश्वास है, तो स्थिति और खराब हो जाएगी। कई यूजर्स सोचते हैं कि जिस प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना फैलती है, उसे उपाय करने चाहिए। इस समस्या के लिए, अभी तक कोई निश्चित दृष्टिकोण नहीं है। मगर उपरोक्त सूचनाएं इसमें मदद कर सकती हैं।