इंटरनेट सर्च कंपनी Google की भारत में पॉलिसी हेड Archana Gulati ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कुछ महीने पहले ही यह पोस्ट संभाली थी। अमेरिकी टेक कंपनी गूगल देश में कम से कम दो एंटीट्रस्ट मामलों के फैसले का इंतजार कर रही है। Archana इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सरकारी थिंक टैंक के साथ काम कर चुकी हैं।
Reuters ने दो सूत्रों के हवाले से दी रिपोर्ट में Reuters के इस्तीफे के कारणों की जानकारी नहीं दी है। इस बारे में Archana ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। गूगल को चलाने वाली
कंपनी Alphabet ने भी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। गूगल को भारत में एंटीट्रस्ट मामलों के साथ ही टेक सेक्टर के लिए कड़े रेगुलेशंस का सामना भी करना पड़ रहा है। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) स्मार्ट टीवी मार्केट में गूगल के बिजनेस के तरीके, इसके एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम और इन-ऐप पेमेंट सिस्टम की जांच कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस बारे में जल्द ही CCI का फैसला आ सकता है।
गूगल में Archana के पास पब्लिक पॉलिसी एग्जिक्यूटिव्स की टीम की अगुवाई करने की जिम्मेदारी थी। यह टीम देश में कंपनी के लिए रेगुलेटरी जरूरतों की निगरानी करती है। कई वर्षों तक केंद्र सरकार की कर्मचारी रही Archana पिछले वर्ष मार्च तक सरकारी थिंक टैंक, नीति आयोग में डिजिटल कम्युनिकेशंसक के लिए ज्वाइंट सेक्रेटरी थी। इससे पहले वह CCI में भी एक वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर दो वर्ष तक काम कर चुकी हैं। बड़ी टेक कंपनियों ने केंद्र सरकार के कई पूर्व अधिकारियों को हायर किया है। इससे उन्हें डेटा और प्राइवेसी रेगुलेशन के साथ ही कॉम्पिटिशन लॉ की शर्तों को पूरा करने में मदद मिलती है। हाल ही में Google को सरकार ने गैर कानूनी लेंडिंग ऐप्स का इस्तेमाल रोकने के लिए कड़े
नियम लागू करने के लिए कहा है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ((MeitY) और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) ने गूगल को इन ऐप्स पर लगाम लगाने का निर्देश दिया है। डिजिटल लेंडिंग सेगमेंट में धोखाधड़ी के मामले बढ़ने के बाद RBI ने हाल ही में लेंडर्स से डिजिटल लेंडिंग सर्विसेज के लिए कड़े नियम बनाने को कहा था।
इसका उद्देश्य बॉरोअर्स को जालसाजी से सुरक्षित करना था। गूगल ने फाइनेंशियल सर्विसेज ऐप्स के लिए अपनी स्टोर डिवेलपर प्रोग्राम पॉलिसी में बदलाव किया है। इसमें पर्सनल लोन ऐप्स के लिए अतिरिक्त शर्तें शामिल हैं। गैर कानूनी डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर लगाम लगाने के लिए सरकार और RBI ने गूगल से स्क्रूटनी बढ़ाने और यह पक्का करने के लिए कहा है कि केवल रेगुलेटर से स्वीकृति वाले लोन ऐप्स ही गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हों। इसके साथ ही गूगल से इन ऐप्स के वेबसाइट्स और डाउनलोड के अन्य जरियों से डिस्ट्रीब्यूशन को भी कम करने के लिए कहा गया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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