ऑनलाइन ऐडवर्टाइजिंग में मोनोपॉली पर Google के खिलाफ शुरू हुआ मुकदमा

इस मामले में अभियोजन पक्ष का कहना है कि गूगल ने वेबसाइट्स पर न्यूज के फ्लो और फंड्स पर बड़ा एकाधिकार रखा है

ऑनलाइन ऐडवर्टाइजिंग में मोनोपॉली पर Google के खिलाफ शुरू हुआ मुकदमा

इस मामले में आरोप है कि गूगल ने वेबसाइट्स पर न्यूज के फ्लो और फंड्स पर एकाधिकार रखा है

ख़ास बातें
  • पिछले महीने एक कोर्ट ने कहा था कि गूगल ने एंटी-ट्रस्ट कानून को तोड़ा है
  • कंपनी ने इस आरोप को गलत बताया है
  • गूगल ने कहा कि यह कस्टमर्स को सर्विस देने की उसकी कोशिशों में रुकावट है
विज्ञापन
इंटरनेट सर्च इंजन Google के खिलाफ ऑनलाइन ऐडवर्टाइजिंग में प्रतिस्पर्धा को दबाने के आरोप में अमेरिका में सोमवार को मुकदमा शुरू हुआ। इस मामले में अभियोजन पक्ष का कहना है कि गूगल ने वेबसाइट्स पर न्यूज के फ्लो और फंड्स पर बड़ा एकाधिकार रखा है। यह प्रति सेकेंड लगभग 1.5 लाख ऑनलाइन ऐड सेल्स करती है। 

यह मामला बड़ी टेक कंपनियों की ओर से मजबूत स्थिति का गलत इस्तेमाल करने को रोकने के प्रयास के लिए महत्वपूर्ण है। अभियोजना पक्ष ने कहा है कि गूगल ने वेबसाइट ऐडवर्टाइजिंग टूल्स पर मोनोपॉली के लिए एक्विजिशंस के जरिए एक जटिल योजना बनाई है। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया है। गूगल को चलाने वाली Alphabet का कहना है कि इससे उसकी टेक्नोलॉजी और कस्टमर्स को सर्विस देने की कोशिशों में रुकावट डाली जा रही है। कंपनी ने कहा है कि अभियोजन पक्ष ने इसे अनदेखा किया है कि ऑनलाइन ऐडवर्टाइजिंग मार्केट ऐप्स और कनेक्टेड TV की ओर शिफ्ट हो रहा है, जिसमें गूगल कड़े कॉम्पिटिशन का सामना करती है। 

पिछले महीने अमेरिका के एक कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि गूगल ने एंटी-ट्रस्ट कानून का उल्लंघन किया है। दुनिया का डिफॉल्ट सर्च इंजन बनने के लिए इसने अरबों डॉलर खर्च किए हैं और इंटरनेट सर्च में गैर कानूनी मोनोपॉली बनाई है। बड़ी टेक कंपनियों के मार्केट पर दबदबे के खिलाफ अमेरिकी की फेडरल अथॉरिटीज की यह पहली बड़ी जीत थी। 

इस फैसले से गूगल के कामकाज में बड़े बदलाव को तय करने के लिए दूसरे मुकदमे का रास्ता खुला था। अमेरिका में वॉशिंगटन के डिस्ट्रिक्ट जज Amit Mehta ने अपने फैसले में कहा था, "कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि गूगल की ओर से मोनोपॉली की जाती है।" हालांकि, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है। इससे Alphabet के शेयर प्राइस में भी गिरावट हुई थी। पिछले वर्ष Alphabet की कुल सेल्स में गूगल को एडवर्टाइजिंग से मिलने वाले रेवेन्यू का 77 प्रतिशत हिस्सा था। पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी सरकार ने बड़ी टेक कंपनियों पर शिकंजा कसा है। इससे पहले सोशल मीडिया साइट Facebook को कंट्रोल करने वाली Meta Platforms और ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के खिलाफ भी कानूनी मामले दर्ज किए गए थे। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ट्रंप के शुरुआती भाषण में क्रिप्टो का जिक्र नहीं होने से बिटकॉइन में भारी गिरावट
  2. Whatsapp में आ रहा Instagram जैसा फीचर, स्‍टेटस में लगा पाएंगे म्‍यूजिक, जानें पूरी डिटेल
  3. Redmi K90 Pro में होगा 50MP पेर‍िस्‍कोप कैमरा, स्‍नैपड्रैगन 8 एलीट 2 प्रोसेसर!
  4. Xiaomi 15 Ultra लॉन्च से पहले यहां आया नजर, एंड्रॉयड 15 के साथ मिलेंगे ऐसे फीचर्स
  5. Planetary Parade 2025 : आज आसमान में एकसाथ दिखेंगे 6 ग्रह, 4 बिना टेलीस्‍कोप आएंगे नजर
  6. Honor 200 5G की कीमत हुई 15 हजार रुपये कम, जल्द खरीदें सस्ता फोन
  7. ASUS ROG Phone 9 FE ग्लोबली जल्द देगा दस्तक, यहां आया नजर, जानें सबकुछ
  8. iQOO Neo 10R के स्पेसिफिकेशंस, कीमत और भारत में लॉन्च टाइमलाइन का खुलासा
  9. Honor Magic 7 फोन नए रूप में 6000mAh बैटरी, पेरिस्कोप कैमरा जैसे फीचर्स के साथ होगा लॉन्च!
  10. ट्रंप के प्रेसिडेंट बनने के बाद बढ़ सकती है MicroStrategy की बिटकॉइन खरीदने की स्पीड 
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »