डिजिटल रुपये से बदल सकता है बिजनेस करने का तरीका: RBI

दुनिया के उन चुनिंदा सेंट्रल बैंकों में RBI शामिल है जिन्होंने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) प्रोजेक्ट को शुरू किया है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 3 नवंबर 2022 20:02 IST
ख़ास बातें
  • ई-रुपी से इंटरबैंक मार्केट अधिक एफिशिएंट बनने की संभावना है
  • होलसेल CBDC का एक्सेस चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए होगा
  • इससे पहले क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर RBI ने विरोध जताया था

CBDC एक ब्लॉकचेन पर बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन होता है

देश में डिजिटल रुपये का ट्रायल शुरू किया गया है। इससे ट्रांजैक्शंस की कॉस्ट में कमी होने की संभावना है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का कहना है कि इससे बिजनेस करने के तरीके में बड़ा बदलाव हो सकता है। दुनिया के उन चुनिंदा सेंट्रल बैंकों में RBI शामिल है जिन्होंने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) प्रोजेक्ट को शुरू किया है। 

RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा, "हमारे देश की करेंसी के इतिहास में यह एक बड़ा अवसर है। CBDC को जल्द ही पूरी तरह लॉन्च करने की कोशिश की जाएगी।" उन्होंने बताया कि रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपये के ट्रायल को इस महीने के अंत में लॉन्च किया जाएगा। RBI ने होलसेल सेगमेंट के लिए ट्रायल शुरू किया है। दास ने किसान क्रेडिट कार्ड लोन का अगले वर्ष डिजिटलाइजेशन करने की भी घोषणा की। इसका ट्रायल प्रोजेक्ट सितंबर में मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के चुनिंदा शहरों में शुरू किया गया था। इसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और फेडरल बैंक पार्टनर बैंकों के तौर पर जुड़े हैं। 

ई-रुपी से इंटरबैंक मार्केट अधिक एफिशिएंट बनने की संभावना है। इसके ट्रायल में SBI के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, HDFC बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC शामिल हैं। RBI पिछले कुछ महीनों से CBDC के फायदे और नुकसान पर विचार कर रहा था। इससे पहले क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर RBI ने विरोध जताया था। 

केंद्र सरकार ने इस वर्ष के बजट में 2022-23 के फाइनेंशियल ईयर से CBDC को लॉन्च करने की घोषणा की थी। CBDC को दो कैटेगरी में रखा जा सकता है - सामान्य उद्देश्य या रिटेल (CBDC-R) और होलसेल (CBDC-W)। रिटेल CBDC को सभी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि होलसेल CBDC का एक्सेस चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए होगा। CBDC एक ब्लॉकचेन पर बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन होता है, जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल रहता है। यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह काम करता है लेकिन  क्रिप्टोकरेंसीज की तरह CBDC में वोलैटिलिटी और अन्य रिस्क नहीं होते। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि CBDC से लोगों के लिए पेमेंट के विकल्प बढ़ जाएंगे। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इससे फाइनेंशियल इनक्लूजन को बढ़ाने के उसके लक्ष्य को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। 

 
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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