भारत की आगामी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के लिए ट्रायल का दायरा बढ़ाकर 50,000 से अधिक यूजर्स का किया गया है। पिछले वर्ष दिसंबर से इस वर्ष जनवरी तक डिजिटल रुपये के जरिए 7,70,000 से अधिक ट्रांजैक्शंस हुई हैं। इस ट्रायल में लगभग 5,000 चुनिंदा मर्चेंट्स के साथ ही कुछ बैंक शामिल हैं।
CBDC की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को दी गई है। क्रिप्टोकरेंसीज की तरह ब्लॉकचेन पर बनी CBDC के इस्तेमाल से ऑनलाइन पेमेंट्स में तेजी आ सकती है और इसके लिए कोई सर्विस चार्ज नहीं होता। इस ट्रायल में यूजर्स की संख्या को नहीं बढ़ाया जाएगा। हालांकि, इसमें कुछ और बैंकों को जोड़ने की योजना है। इसके अलावा ट्रायल में नौ और शहरों को शामिल किया जाएगा। RBI के डिप्टी गवर्नर, T Rabi Sankar ने हाल ही में कहा था, "हम इस प्रोसेस में जल्दबाजी नहीं चाहते।" इस महीने की शुरुआत में रिलायंस रिटेल के मैनेजिंग डायरेक्टर, V Subramaniam ने बताया था कि उनकी कंपनी ने मुंबई में अपने स्टोर्स में Kotak Mahindra Bank और ICICI Bank के साथ पार्टनरशिप में डिजिटल रुपये का इस्तेमाल शुरू करने की तैयारी की है।
डिजिटल रुपये से इंटरबैंक मार्केट अधिक एफिशिएंट बनने की संभावना है। इसके
ट्रायल में SBI के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, HDFC बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC शामिल हैं। RBI ने CBDC के फायदे और नुकसान पर विचार करने के बाद यह ट्रायल शुरू किया है। इससे पहले क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर RBI ने विरोध जताया था। देश में डीमॉनेटाइशन होने के बाद UPI पेमेंट्स में तेजी से ग्रोथ हुई है। इसका फायदा डिजिटल रुपये को भी मिल सकता है। CBDC एक ब्लॉकचेन पर बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन होता है, जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल रहता है। यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह काम करता है लेकिन क्रिप्टोकरेंसीज की तरह CBDC में वोलैटिलिटी और अन्य रिस्क नहीं होते।
रिटेल सेगमेंट में ट्रायल के लिए यूजर्स को CBDC एक डिजिटल वॉलेट में दिया जाएगा। यह वॉलेट स्मार्टफोन और PC के साथ कम्पैटिबल होगा। इससे ट्रांजैक्शंस की कॉस्ट में कमी होने की संभावना है। दुनिया के उन चुनिंदा सेंट्रल बैंकों में RBI शामिल है जिन्होंने CBDC प्रोजेक्ट को शुरू किया है।