पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में भारी एयर पॉल्यूशन की समस्या है। इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने 13 से 20 नवंबर तक व्हीकल्स के लिए ऑड-ईवन रूल को लागू करने की घोषणा की थी। इस रूल को टाला जा सकता है। दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि वह इस कदम के असर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से रिव्यू का इंतजार करेगी।
राजधानी में पहले ही GRAP 4 लागू है, जो पॉल्यूशन को लेकर उच्च अलर्ट है। एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संकेत दिया है कि ऑड-ईवन रूल को टाला जा सकता है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के ऑड-ईवन रूल के असर का रिव्यू करने और इस पर ऑर्डर जारी करने के बाद इस बारे में दिल्ली सरकार अगले कदम का फैसला करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि ऑड-ईवन रूल से पॉल्यूशन को घटाने में ज्यादा मदद नहीं मिलती। पिछली बार इस रूल को 2019 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य व्हीकल्स से होने वाले पॉल्यूशन को घटाना था। इसमें वैकल्पिक दिनों पर ऑड या ईवन नंबर्स के साथ समाप्त होने वाले रजिस्ट्रेशन के साथ व्हीकल्स को सड़क पर लाने की अनुमति होती है।
हाल ही में गोपाल राय ने केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को पत्र लिखकर राजधानी में ऐसे व्हीकल्स की एंट्री पर रोक लगाने का निवेदन किया था जो BS6 नॉर्म्स का पालन नहीं करते। इस
रूल के तहत, रजिस्ट्रेशन प्लेट पर अंतिम नंबर ईवन रखने वाले टू-व्हीलर्स और कारों को एक दिन और ऑड नंबर वाले व्हीकल्स को दूसरे दिन सड़कों पर लाने की अनुमति होती है। हालांकि, कुछ व्हीकल्स को इस रूल से छूट मिलती है। इनमें इमरजेंसी व्हीकल्स, VVIP व्हीकल्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स शामिल हैं। ऐसा कोई विशेष डेटा उपलब्ध नहीं है जिससे यह पता चल सके कि इस रूल से पॉल्यूशन के लेवल में कमी होती है।
दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में एयर क्वालिटी खराब होने का बड़ा कारण हरियाणा और पंजाब में खेतों में फसल की कटाई के बाद पराली जलाना है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की लगभग चार वर्ष पहले हुई एक स्टडी में पाया गया था कि ऑड-ईवन से पहले और बाद में पॉल्यूशन का लेवल कुछ कम हुआ था लेकिन इसके पीछे कोई बड़ा कारण नहीं था।