अमेरिकी सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे Elon Musk के साथ प्रधानमंत्री Narendra Modi की मीटिंग होनी है। इसमें मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने वाली कंपनी Starlink की भारत में एंट्री का मुद्दा उठ सकता है। हाल ही में अमेरिका के प्रेसिडेंट के तौर पर कार्यभार संभालने वाले Donald Trump के साथ मौदी की मीटिंग होगी। इस मीटिंग में ट्रेड पर चर्चा के साथ ही टैरिफ में छूट का प्रमुख एजेंडा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी का दो दिन का अमेरिका का दौरा बुधवार से शुरू हुआ है। इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने Reuters को बताया कि मोदी और मस्क के बीच मीटिंग में भारत में
स्टारलिंक की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च करने की योजना में देरी का मुद्दा शामिल हो सकता है। एक सूत्र ने बताया कि सिक्योरिटी को लेकर आशंकाओं पर भारत को आश्वासन देने के लिए मस्क सहमत हैं। इसमें डेटा की लोकल स्टोरेज शामिल है। इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय और स्टारलिंक ने टिप्पणी के लिए भेजे गए निवेदन का उत्तर नहीं दिया।
हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि स्टारलिंक ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) की ओर से लोकल डेटा स्टोरेज सरकार की ओर से डेटा इंटरसेप्शन से जुड़ी शर्तों के लिए औपचारिक तौर पर सहमति दी है। देश में इस सर्विस के लाइसेंस को हासिल करने के लिए सभी कंपनियों को इन शर्तों को मानना होगा। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि स्टारलिंक ने इसके लिए आवेदन को स्वीकृति मिलने तक कुछ शर्तों में छूट देने का निवेदन किया था लेकिन सरकार ने विदेशी कंपनियों को कोई भी छूट देने से मना कर दिया था। DoT की ओर से सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए किसी विदेशी कंपनी को लाइसेंस नहीं दिया गया है।
देश में स्टारलिंक को
Bharti Airtel और रिलायंस जियो से टक्कर मिल सकती है। इन दोनों टेलीकॉम कंपनियों की भी यह सर्विस लॉन्च करने की योजना है। अगले कुछ महीनों में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (DoT) की ओर से इस स्पेक्ट्रम को एलोकेट किया जा सकता है। हाल ही में Bharti Enterprises ने बताया था कि वह सैटेलाइट टेलीकॉम सर्विस शुरू करने के लिए तैयार है। इस सर्विस के लिए केंद्र सरकार की स्वीकृति का वह इंतजार कर रही है। कंपनी ने कहा था कि गुजरात और तमिलनाडु में उसके दो स्टेशंस तैयार हैं।