दिल्ली की एयर क्वालिटी में गिरावट आई है। इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार कंस्ट्रक्शन साइट्स पर धूल से होने वाले पॉल्यूशन को रोकने के लिए एक महीने का अभियान चलाएगी। इसमें 12 सरकारी डिपार्टमेंट्स की टीमें कंस्ट्रक्शन साइट्स पर पॉल्यूशन को रोकने के लिए बने नियमों के पालन की निगरानी करेंगी।
एयर क्वालिटी इंडेक्स पर दिल्ली का स्कोर बुधवार को 211 था। यह इससे एक दिन पहले 150 के स्कोर से बहुत अधिक है। राजधानी में सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही
पॉल्यूशन की समस्या बढ़ जाती है। इससे मुकाबले के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) भी शुरू किया है। नियमों के तहत, 5,000 स्क्वेयर मीटर से अधिक की कंस्ट्रक्शन साइट्स को एक एंटी-स्मॉग गन लगानी होगी। इसके अलावा 10,000 स्क्वेयर मीटर से अधिक की साइट्स के लिए दो और 15,000 स्क्वेयर मीटर से बड़ी साइट्स के लिए तीन एंटी-स्मॉग गन जरूरी हैं।
कंस्ट्रक्शन साइट के 20,000 स्क्वेयर मीटर से अधिक होने पर चार एंटी-स्मॉग गन लगानी होती हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स में 101 से 200 तक के स्कोर को मॉडरेट और 201 से 300 के बीच स्कोर को खराब माना जाता है। पॉल्यूशन से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रीन वॉर रूम भी शुरू किया है। इससे राजधानी में 24 घंटे एयर पॉल्यूशन की मॉनिटरिंग करने के साथ ही इससे निपटने की उपाय भी लागू किए जा सकेंगे। एडवांस्ड ग्रीन वॉर रूम 24X7 पॉल्यूशन की स्थिति की मॉनिटरिंग करेगा। इससे संशोधित
GRAP में तय किए गए जरूरी उपायों को लागू करने में भी मदद मिलेगी। इससे दिल्ली में पॉल्यूशन से जुड़े डेटा का एनालिसिस भी किया जा सकेगा। GRAP राजधानी और इसके निकट के क्षेत्रों में एयर पॉल्यूशन से निपटने के उपायों का एक सेट है। इसके उपायों को स्थिति की गंभीरता के अनुसार लागू किया जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पॉल्यूशन का मुकाबला करने के लिए 15 प्वाइंट के विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की थी।
इस ग्रीन वॉर रूम को Green Delhi ऐप से भी लिंक किया जाएगा। इससे कचरा जलाने जैसी पॉल्यूशन से जुड़ी शिकायतों को भेजा जा सकेगा। इसके बाद इन शिकायतों पर संबंधित डिपार्टमेंट की ओर से कार्रवाई होगी। दिल्ली सरकार ने बताया कि इस ऐप पर राजधानी के निवासियों की ओर से अभी तक 54,000 से अधिक शिकायतें मिली हैं। इनमें से लगभग 90 प्रतिशत का समाधान किया गया है।