भारत में महिलाओं की स्थिति सामाजिक, आर्थिक और अन्य क्षेत्रों में बहुत अच्छी नहीं मानी जाती है, लेकिन एक ताजा सर्वे में इस संबंध में कुछ अच्छे संकेत मिले हैं। सर्वे करने वाले प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स की ओर से कहा गया है कि भारत में 10 में 8 शहरी महिलाएं इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही हैं, जो कि एक अच्छी बात है। यानि कि शहरी महिलाओं का डिजिटल उपकरणों का विभिन्न तरह के कामों में इस्तेमाल करने का ये आंकड़ा काफी अच्छा है। लेकिन साथ ही सर्वे में कुछ ऐसे मुद्दे भी सामने आए हैं जिनसे महिलाएं शहरी क्षेत्रों में भी अब तक काफी जूझ रही हैं।
LocalCircles ने भारतीय महिलाओं के बारे में एक सर्वे जारी किया है। शहरी महिलाओं की जिन्दगी से जुड़ा ये सर्वे महिलाओं की स्थिति के बारे में काफी कुछ बताता है। पीटीआई की
रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे में कहा गया है कि 10 में से 8 शहरी महिलाएं कई तरह के कामों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही हैं। लेकिन साथ ही ऑनलाइन शोषण, दुर्व्यवहार और ट्रोलिंग का शिकार भी बहुत सी महिलाएं होती हैं। सर्वे के माध्यम से महिलाओं ने इसके खिलाफ एक्शन लिए जाने की बात भी कही है।
इंटरनेट के इस्तेमाल से संबंधित जो बातें इसमें सामने आई हैं, उसमें 76% महिलाएं इंटरनेट का इस्तेमाल अपने परिवार, दोस्तों और चाहने वालों से जुड़े रहने के लिए करती हैं। वहीं, 57% महिलाएं इंटरनेट का इस्तेमाल विभिन्न तरह की जानकारियां पाने के लिए करती हैं। इस प्रतिशत में मनोरंजन के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करना भी शामिल है।
यहां पर इंटरनेट पर
साइबर सुरक्षा को लेकर महिलाओं द्वारा पुरजोर तरीके से आवाज उठाई गई है। सर्वे में शामिल 83% महिलाओं का कहना है कि उनके लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को और अधिक सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। जिसमें कि उन्हें ट्रोलिंग, हैरासमेंट, बुरे व्यवहार,
फ्रॉड आदि का सामना न करना पड़े।
यह सर्वे भारत के 301 शहरी जिलों में किया गया है। इसके लिए सर्वे कंपनी को 23000 प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुई बताई गई हैं। इनमें से 61% प्रतिक्रियाएँ पुरूषों द्वारा दी गई थीं। जबकि 39% प्रतिक्रियाएँ महिलाओं द्वारा दी गई थीं। इनमें से 48% प्रतिक्रिया देने वाले लोग टिअर 1 जिले से थे, 35% टिअर 2 से, और 17% टिअर 3 व 4 जिलों से थे। लोकल सर्कल्स का कहना है कि वह इस सर्वे में सामने आए नतीजों को केंद्रीय मंत्रालयों के साथ भी साझा करेगा जिसमें गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री आदि शामिल हैं।