पाकिस्तान भले ही अक्सर अपनी नकारात्मक गतिविधियों जैसे आतंकवाद आदि के कारण चर्चा में रहता हो, लेकिन इस बार पाकिस्तान अपनी एक फिल्म के कारण पूरी दुनिया का ध्यान खींच रहा है। पाकिस्तानी फिल्म 'द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट' एक ऐसी फिल्म है जिसने रिलीज के बाद से दुनियाभर में कमाई का ऐसा तूफान मचा रखा है, जिसकी धूल देखकर हर कोई हैरान है। फिल्म 13 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और पहले वीकेंड पर ही फिल्म ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़े डाले। फिल्म पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में छाई हुई है। रिपोर्ट्स में यहां तक कहा गया है कि ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म पाकिस्तान की अब तक की सबसे बड़ी वीकेंड ओपनिंग वाली फिल्म है। ऐसा क्या है इस फिल्म में, क्या है कहानी, कितना है बजट, आईए जानते हैं।
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट को पाकिस्तान के अलावा विश्व भर में 500 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है। पहले वीकेंड पर ही फिल्म ने ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर 23 लाख डॉलर (लगभग 19.8 करोड़ रुपये) का बिजेनस कर लिया। अकेले पाकिस्तान में ही इसकी पहले वीकेंड की कमाई 11.3 करोड़ रुपये थी। अमेरिका में फिल्म ने 6.3 करोड़ रुपये कमाए, तो इंग्लैंड में 7.8 करोड़ रुपये जुटाए। पाकिस्तान के बाद फिल्म को जिस देश में दूसरा सबसे बड़ा रेस्पोन्स मिला, वो था दुबई। अकेले दुबई में फिल्म ने 11.26 करोड़ रुपये कमाए।
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट ने कौन से रिकॉर्ड तोड़े?
दुनियाभर में ग्रैंड ओपनिंग करने वाली पाकिस्तान की सबसे बड़ी फिल्म का तमगा इससे पहले ‘जवानी फिर नहीं आनी 2' के सिर था, जिसने ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर ओपनिंग में ही 70 करोड़ का कारोबार किया था। 'जवानी फिर नहीं आनी 2' 2018 में आई कॉमेडी-ड्रामा फिल्म थी। फिल्म का निर्देशन नदीम बेग ने किया था। यह फिल्म 2014 की फिल्म 'जवानी चरण न आना' की सीक्वल थी। उसके बाद 'लंडन नहीं जाऊंगा' और फिर 'पंजाब नहीं जाऊंगी' ऐसी फिल्में थीं जिन्होंने पाकिस्तान समेत दुनियाभर में सबसे ज्यादा कारोबार किया। ‘द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट' के डायरेक्टर (Director of The Legend of Maula Jatt) बिलाल लशारी की ही फिल्म 'वार' ने भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन किया था। वार भी पाकिस्तान की उन चुनिंदा फिल्मों में से छठी फिल्म थी जिसने पाकिस्तान में सबसे ज्यादा कलेक्शन किया था। इसने ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर 34.65 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था।
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट की खास बातें
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट, जो दुनियाभर में धूम मचा रही है, अपने आप में काफी खास फिल्म है। इस फिल्म को डायरेक्टर बिलाल लशारी ने 2013 में प्लान करना शुरू किया था, जब उनकी फिल्म ‘वार' आई थी। उन्होंने कहा था कि वो 1979 में आई ‘मौला जट्ट' को फिर से पर्दे पर जीवंत करेंगे। बिलाल इस फिल्म को बड़े पैमाने पर बनाना चाहते थे, जैसा कि इंडियन सिनेमा में संजय लीला भंसाली को जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डायरेक्टर के अनुसार फिल्म को बनाने में लाखों डॉलर का खर्च आया है। फवाद खान को फिल्म के लिए शुरू में ही फाइनल कर दिया गया था। उसके बाद फिल्म के विलेन के रूप में नूरी नट चुने गए। फिल्म का पहला लुक 2018 में सामने आया था। यानि कि पहला लुक रिलीज होने में लगभग 5 साल का समय लग गया। फिल्म 2019 रिलीज के लिए फाइनल की गई लेकिन यहां पर एक अड़चन आ गई। हुआ यूं कि 1979 वाली मौला जट्ट के प्रड्यूसर सरवर भट्टी बिलाल 2019 वाली मौला जट्ट के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के उल्लंघन का आरोप डायरेक्टर पर लगाया। जब तक मामला सुलझा, कोरोना दुनिया में अपने पैर पसार चुका था और फिल्म की रिलीज फिर रोक दी गई। अब आखिरकार 2022 में फिल्म सबके सामने है।
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट है इस फिल्म का रीमेक
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट 1979 में आई 'मौला जट्ट' का रीमेक है। इसका डायरेक्शन यूनुस मलिक ने किया था। यहां तक कि मौला जट्ट भी 1975 में आई एक फिल्म 'वहशी जट्ट' का सीक्वल है, जो कि अनऑफिशिअल सीक्वल है। वहशी जट्ट की जहां तक बात है, उस वक्त अहमद नदीम कासमी की एक शॉर्ट फिल्म 'गंडासा' आई थी, जिस पर वहशी जट्ट को बनाया गया।
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट की कहानी
जैसा कि पहले बताया गया है, फिल्म 50 के दशक की 'गंडासा' को आधार बनाकर बनाई गई है। मौला जट्ट नाम के आदमी की ये कहानी थी, जिसमें उसके साथ बहुत कुछ गलत होता है और फिर वो उसके लिए बदला लेता है। यह तब के समाज की बात है, जिसमें पुरूषों को रोने का अधिकार नहीं था, अगर पुरूष को आघात पहुंचता है तो वह केवल अपने क्रोध के रूप में ही उसको बाहर ला सकता था। उसके बाद मौला नाम के किरदार पर ही एक फिल्म 1974 में आई। इस फिल्म का नाम 'वहशी जट्ट' था। मौला इसमें भी अपने पिता की हत्या का बदला लेता हुआ दिखाया गया। यानि अब मौला नाम के किरादार प्रतिशोध की धारा में जुड़ते चले गए। वहशी जट्ट काफी सफल फिल्म रही और इसने इस किरदार पर भविष्य की फिल्मों की नींव भी रख दी। उसके बाद 1979 में 'मौला जट्ट' आई जो बॉक्स ऑफिस पर लगभग 3 साल तक अपना जलवा दिखाती रही। हालांकि फिल्म में गंडासा के माध्यम से हिंसा इतनी ज्यादा दिखाई गई थी कि सरकार इसे बैन करने पर विचार कर रही थी। उसके बाद गंडासा की हिंसा वाली फिल्में कुछ समय के लिए बंद हो गईं। फिर 2013 में 'वार' आई जिसने गंडासा के इस्तेमाल को नए अंदाज में पेश किया और फिल्म सुपरहिट हो गई। उसके बाद वार के ही डायरेक्टर की नई प्रस्तुति 'द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट' है, जो कि एक बदले की ही कहानी है।
द लैजेंड ऑफ मौला जट्ट की स्टारकास्ट
'द लेजेंड ऑफ मौला जट्ट' में फवाद खान और माहिरा खान मुख्य भूमिकाओं में हैं। इनका साथ निभा रहे हैं हमजा अब्बासी, हुमैमा मलिक, गौहर रशीद, शमून अब्बासी, अली अजमत और अदनान जाफर। हमजा अब्बासी फिल्म में मेन विलेन के किरदार में दिखाई दे रहे हैं।
फिल्म की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिलीज से पहले ही अनुराग कश्यप जैसे दिग्गज डायरेक्टर इस मूवी की तारीफ के पुल बांध दिए थे।