चीन में Xiaomi की पहली इलेक्ट्रिक कार SU7 एक बड़े हादसे की वजह बन गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस क्रैश में तीन लोगों की मौत हुई है और एक गंभीर रूप से घायल है। हादसे के वक्त कार Navigate on Autopilot मोड में थी और 116 km/h की स्पीड से चल रही थी। बाद में ड्राइवर ने मैन्युअली कंट्रोल लिया लेकिन कार सीधा जाकर सीमेंट के पोल से टकरा गई। कंपनी का कहना है कि हादसे के वक्त ब्रेक और स्टीयरिंग सिस्टम पूरी तरह नॉर्मल थे। Xiaomi ने यह भी बताया कि कंपनी पुलिस जांच में सहयोग कर रही है, लेकिन इस घटना ने कंपनी की ADAS सेफ्टी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
29 मार्च को चीन के अनहुई प्रांत में Xiaomi SU7 का यह एक्सिडेंट हुआ। SU7, Xiaomi की पहली इलेक्ट्रिक कार है, जिसे EV मार्केट में टेस्ला जैसे ब्रांड्स को टक्कर देने के लिए लॉन्च किया गया था। कार की तेज रफ्तार, ऑटोनॉमी फीचर्स और स्टाइल को लेकर खूब चर्चा हुई थी। लेकिन अब इस ट्रैजिक एक्सिडेंट ने कंपनी को बैकफुट पर ला दिया है।
रॉयटर्स की
रिपोर्ट में बताया गया है कि कार उस समय ‘Navigate on Autopilot' मोड पर थी और 116 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चल रही थी। ड्राइवर ने कुछ सेकंड बाद कंट्रोल लिया और ब्रेक मारा, जिससे स्पीड घटकर 97 किमी प्रति घंटा रह गई, लेकिन इसके बाद भी कार जाकर सीमेंट पोल से भिड़ गई। कंपनी का कहना है कि एक्सिडेंट के समय कार के ब्रेक, एक्सेलेरेटर और स्टीयरिंग सभी सामान्य काम कर रहे थे, यानी तकनीकी रूप से कोई खराबी नहीं पाई गई है।
Xiaomi ने अपने बयान में कहा है कि वह पुलिस जांच में सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है और वाहन के ड्राइविंग और सिस्टम डेटा पुलिस को मुहैया करवा रही है। कंपनी ने ये भी कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है और वह हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं।
इस घटना के बाद Xiaomi के शेयरों में करीब 5.5% की गिरावट आई है। वॉल स्ट्रीट जनरल के
मुताबिक, यह दुर्घटना Xiaomi की EV स्ट्रैटेजी को झटका दे सकती है, खासकर जब वह ऑटोनॉमस फीचर्स को अपने प्रमुख USP के रूप में पेश कर रही थी। चीन का EV मार्केट पहले से ही अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है और ऐसे में सेफ्टी को लेकर जरा सी भी निगेटिव खबर कंपनियों की इमेज पर गहरा असर डाल सकती है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आने वाले हफ्तों में यह साफ होगा कि गलती इंसानी थी या सिस्टम की। लेकिन एक बात तय है, अब ऑटोनॉमस टेक्नोलॉजी की सेफ्टी पर बहस और तेज हो जाएगी।