ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनी Volkswagen की योजना अगले वर्ष भारत में अपना पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल ( EV) लॉन्च करने की है। देश के तेजी से बढ़ते EV मार्केट में कंपनी अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है। फोक्सवैगन को 2030 तक भारत में अपनी कुल बिक्री का 25-30 प्रतिशत EV से मिलने की उम्मीद है।
कंपनी ने अपनी Taigun और Virtus के नए वेरिएंट्स लॉन्च किए हैं। इस वर्ष फोक्सवैगन को बिक्री में 45 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। कंपनी के भारत में ब्रांड डायरेक्टर, Ashish Gupta ने बताया कि फोक्सवैगन ने देश में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के लिए प्रीमियम और इलेक्ट्रिक पर जोर देने की स्ट्रैटेजी बनाई है। उनका कहना था, "अगले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार लाने के लिए इस सेगमेंट पर अभी से कार्य शुरू करना होगा।" उन्होंने बताया कि
कंपनी अगले वर्ष देश में अपनी प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV ID.4 को लॉन्च करने की योजना बना रही है। इसे कंपनी के महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मौजूद प्लांट में असेंबल किया जाएगा। इसके लिए कंपोनेंट्स का कंपनी इम्पोर्ट करेगी।
उन्होंने बताया, "इलेक्ट्रिक कार की कॉस्ट में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बैटरी की होती है। बड़े स्तर पर बैटरी की लोकल मैन्युफैक्चरिंग के बिना इस सेगमेंट में आगे बढ़ना मुश्किल है।" इस वर्ष सेल्स में बढ़ोतरी की संभावना पर उनका कहना था कि पहली तिमाही कंपनी के लिए अच्छी रही है। इसमें पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष कंपनी की योजना सेल्स में 40 से 45 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हासिल करने की है। पिछले वर्ष कंपनी की देश में बिक्री लगभग 41,000 यूनिट्स की थी। फोक्सवैगन ने इस वर्ष की पहली तिमाही में लगभग 12,000 यूनिट्स बेची हैं।
इस वर्ष के इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया था कि देश में
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट 2030 तक बढ़कर एक करोड़ यूनिट्स सालाना का हो सकता है। दिसंबर में सेल्स के लिहाज से जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया था। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, "ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ने में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह 2030 तक एक करोड़ यूनिट्स तक पहुंच सकता है। पिछले वर्ष यह लगभग 10 लाख यूनिट्स का था।"