बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla को अपने बड़े मार्केट अमेरिका में झटका लगा है। अमेरिका के EV मार्केट में कंपनी की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से कम हो गई है। हालांकि, अपने राइवल्स से यह काफी आगे है। EV के इंटरनेशनल मार्केट में भी सेल्स की रफ्तार घटी है।
मार्केट रिसर्च फर्म Cox Automotive के डेटा के अनुसार, बिलिनेयर Elon Musk की टेस्ला का दूसरी तिमाही में अमेरिका में मार्केट शेयर घटकर 49.7 प्रतिशत रह गया है। एक वर्ष पहले की समान अवधि में यह 59.3 प्रतिशत का था। टेस्ला ने 2012 में मॉडल S के साथ बिजनेस की शुरुआत की थी। कंपनी के मॉडल S की बड़ी संख्या में बिक्री हुई थी। इसके बाद पेश किए गए मॉडल X और मॉडल 3 भी लोकप्रिय हुए थे। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में कंपनी की सेल्स में कमी हुई है।
दूसरी तिमाही में अमेरिका के मार्केट में Hyundai, General Motors और Ford की हिस्सेदारी बढ़ी है। पिछले वर्ष टेस्ला की मॉडल Y दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाली कार रही है। जापान की ऑटोमोबाइल
कंपनी Toyota की Corolla लगभग दो दशक से इंटरनेशनल मार्केट में सबसे अधिक बिकने वाली कार थी। पिछले वर्ष यह बिक्री के लिहाज से चौथे स्थान पर रही है। टेस्ला को विदेश में अपने सबसे बड़े मार्केट चीन में ग्रोथ को बरकरार रखने में संघर्ष करना पड़ रहा है। चीन में BYD से इसे कड़ी टक्कर मिल रही है। इसके अलावा Nio Inc, Xpeng और Li Auto की बिक्री भी बढ़ी है। इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज घटाने के बावजूद टेस्ला की सेल्स नहीं बढ़ रही है। इस वजह से मस्क ने कंपनी में छंटनी करने का भी फैसला किया है।
Jato Dynamics के डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष
टेस्ला ने मॉडल Y की लगभग 12.2 लाख यूनिट्स की बिक्री की थी। यह वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। टोयोटा ने कोरोला की बिक्री में लगभग 19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। पिछले वर्ष टोयोटा की RAV4 लगभग 10.8 लाख यूनिट्स की बिक्री के साथ दूसरी सबसे अधिक बिकने वाली कार रही। इसके बाद Honda की CR-V (8,46,000 यूनिट्स) थी। टेस्ला की मॉडल 3 ने भी सबसे अधिक बिकने वाली 10 कारों में जगह बनाई है।