बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla की चीन की फैक्टरी ने चार वर्षों में 20 लाख यूनिट्स के प्रोडक्शन का आंकड़ा हासिल किया है। इस फैक्टरी में टेस्ला की मॉडल 3 और मॉडल Y इलेक्ट्रिक कारें बनाई जाती हैं। इन कारों की चीन में बिक्री के साथ एक्सपोर्ट भी होता है।
कंपनी के लिए यह वॉल्यूम के लिहाज से सबसे बड़ी फैक्टरी है।
टेस्ला के लिए चीन एक बड़ा मार्केट है। पिछले महीने कंपनी ने चीन में 84,159 यूनिट्स की बिक्री की थी। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। हाल ही में टेस्ला ने मॉडल 3 और मॉडल Y के प्राइसेज में कटौती की थी। इससे कंपनी की बिक्री तेजी से बढ़ी है। हाल ही में बताया गया था कि चीन के शंघाई में मौजूद इस फैक्टरी में प्रत्येक 40 सेकेंड में एक इलेक्ट्रिक कार तैयार होती है। पिछली कुछ तिमाहियों से टेस्ला के CEO, Elon Musk प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
टेस्ला की भारत में
फैक्टरी लगाने की योजना भी आगे बढ़ रही है। हाल ही में कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। कंपनी की देश में यूनिट Tesla India Motor and Energy ने महाराष्ट्र में पुणे के विमान नगर में एक ऑफिस स्पेस लीज पर लिया है। टेस्ला ने लगभग दो वर्ष पहले बेंगलुरु में अपनी सब्सिडियरी को रजिस्टर्ड कराया था। हालांकि, कंपनी को देश में बिजनेस शुरू करने में काफी देर हुई है। कंपनी की फैक्टरी की वार्षिक कैपेसिटी लगभग पांच लाख यूनिट्स की हो सकती है। कंपनी की भारत में बनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज 20 लाख रुपये से शुरू हो सकते हैं।
इसकी योजना भारत को एक्सपोर्ट के लिए बेस बनाने की भी है। देश में बिजनेस शुरू करने को लेकर मस्क ने कहा था, "दुनिया में किसी बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक संभावनाएं हैं। मुझे विश्वास है कि टेस्ला जितना जल्द हो सके भारत में आएगी।" मस्क ने अगले वर्ष भारत की यात्रा करने का भी संकेत दिया था। कंपनी की इस वर्ष के अंत तक फुली ऑटोनॉमस व्हीकल्स को लॉन्च करने की तैयारी है। पिछले कुछ वर्षों से इस टेक्नोलॉजी को डिवेलप किया जा रहा है।