अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla के चीफ, Elon Musk के विजिट से पहले देश की नई EV पॉलिसी को लेकर कंपनी अपनी समझ बढ़ा रही है। इस पॉलिसी को लेकर हुई स्टेकहोल्डर्स की एक मीटिंग में टेस्ला के एडवाइजर ने हिस्सा लिया है। इस मीटिंग में देश की कई ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ ही विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
इस मीटिंग में हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने नई EV पॉलिसी पर एक प्रेजेंटेशन दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "नई EV मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के लिए तैयार की जाने वाली गाइडलाइंस पर स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेशन मीटिंग में इनपुट लिए गए। इस मीटिंग में टेस्ला का प्रतिनिधित्व उसके एडवाइजर The Asia Group ने किया। इसमें वियतनाम की EV मेकर VinFast भी मौजूद थी।" इसके अलावा Maruti Suzuki, Tata Motors, Hyundai, Mahindra&Mahindra, Kia, Skoda, Volkswagen, Audi, Mercedes-Benz और BMW के प्रतिनिधि भी इस मीटिंग में शामिल थे। मस्क के अगले सप्ताह भारत आने की संभावना है। देश में
कंपनी के इनवेस्टमेंट और EV की फैक्टरी लगाने की मस्क घोषणा कर सकते हैं।
पिछले वर्ष जून में प्रधानमंत्री मोदी और मस्क की अमेरिका के न्यूयॉर्क में मीटिंग हुई थी। टेस्ला ने देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इम्पोर्ट टैक्स लगाने के लिए लॉबीइंग की थी। पिछले महीने केंद्र सरकार ने नई EV पॉलिसी की घोषणा की थी जिसमें ऑटोमोबाइल कंपनी के कम से कम 50 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करने पर कुछ मॉडल्स पर इम्पोर्ट टैक्स को 100 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया है। हालांकि, देश की ऑटोमोबाइल कंपनियां इस छूट का विरोध कर रही थी।
हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में एक्सपोर्ट के लिए
टेस्ला ने जर्मनी के अपने प्लांट में राइट-हैंड ड्राइव कारों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की है। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि टेस्ला के किस मॉडल का भारत को एक्सपोर्ट किया जाएगा। जर्मनी में बर्लिन के निकट कंपनी के प्लांट में मॉडल Y की मैन्युफैक्चरिंग की जाती है। टेस्ला अपनी फैक्टरी के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों पर फोकस करेगी जहां पहले से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की मौजूदगी है। अमेरिका और चीन जैसे कंपनी के बड़े मार्केट्स में डिमांड घटने की वजह से यह नए मार्केट्स में संभावना तलाश रही है।