बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों में शामिल ओला इलेक्ट्रिक के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। कंपनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की क्वालिटी और सर्विस में देरी को लेकर शिकायतों की वजह इसे नोटिस दिया गया था। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) इसी मामले में कंपनी की जांच करने जा रहा है।
इससे पहले सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने शिकायतों की बड़ी संख्या के बाद
ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस दिया था। पिछले महीने CCPA ने कस्टमर्स की लगभग 10,000 शिकायतों को लेकर कंपनी से जवाब मांगा था। हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक ने बताया था कि उसने इन शिकायतों में 99 प्रतिशत से अधिक का समाधान कर दिया है। Reuters की रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी के जवाब की समीक्षा करने के बाद CCPA ने BIS को इस मामले की विस्तृत जांच करने की जिम्मेदारी दी है।
कंपनी के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतों और रेगुलेटरी स्क्रूटनी का इसके शेयर प्राइस पर भी असर पड़ा है। पिछली तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक का लॉस कम रहा है।
कंपनी ने बताया था कि हाल में सर्विस को लेकर कस्टमर्स की शिकायतें 'मामूली समस्याओं' की वजह से थी। जुलाई-सितंबर तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक का कंसॉलिडेटेड लॉस घटकर लगभग 4.95 अरब रुपये का है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह लॉस लगभग 5.24 अरब रुपये का था। पिछली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 39 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर लगभग 12.14 अरब रुपये पर पहुंच गया। इसे एक लाख रुपये से कम प्राइस वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की बिक्री बढ़ने से मदद मिली है।
जुलाई से सितंबर के बीच कंपनी ने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की 98,619 यूनिट्स की डिलीवरी की है। कंपनी के फाउंडर, Bhavish Aggarwal ने कहा था, "सर्विस के सभी निवेदन शिकायतें या प्रोडक्ट को लेकर समस्याएं नहीं हैं। इनमें से बहुत सी नियमित मेंटेनेंस के लिए होती हैं। पिछली तिमाही में सर्विस के लिहाज से हमारी कैपेसिटी को लेकर कुछ चुनौती थी। हमारे सर्विस नेटवर्क के एक्सपैंशन की तुलना में हमारी सेल्स तेजी से बढ़ी है।" ओला इलेक्ट्रिक ने अक्टूबर में 50,000 से ज्यादा यूनिट्स बेची हैं। हालांकि, यह कंपनी की होलसेल्स है। कंपनी ने 30 प्रतिशत से अधिक मार्केट शेयर के साथ इस मार्केट में अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। सितंबर की तुलना में इसकी सेल्स में 100 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।