दुनिया वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर तेजी से बढ़ रही है। लगभग सभी देश कोशिश कर रहे हैं कि उनकी सड़कों पर चलने वाले वाहन इलेक्ट्रिक हो, क्योंकि इससे प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग कम करने और साथ ही इंधन की बचत में मदद मिलेगी। इस दिशा में नॉर्वे ने बड़ा मुकाम हासिल किया है, जहां सड़कों पर पांच कारों में से एक इलेक्ट्रिक है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ये आंकड़ा तीन साल से भी कम समय में दोगुना हो गया है।
नॉर्वेजियन इलेक्ट्रिक व्हीकल एसोसिएशन की प्रमुख क्रिस्टीना बू ने सोमवार को कहा (Via
TOI) कि नॉर्वे की सड़कों पर अच्छी
इलेक्ट्रिक कार मॉडल की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि देश के इलेक्ट्रिक कार बेड़े को शून्य से 10 प्रतिशत तक आने में जहां लगभग 10 साल लगे, वहीं तीन वर्षों से कम समय में ये आंकड़ा दोगुना होते हुए मात्र 20 प्रतिशत हो गया।
उन्होंने यह भी
दावा किया है कि देश में
इलेक्ट्रिक वाहनों का आंकड़ा आने वाले दो वर्षों में 30 प्रतिशत पर भी पहुंच सकता है।
नॉर्वे में इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदना टैक्स-फ्री है। इसके अलावा, देश में EV के लिए रोड टोल और सार्वजनिक पार्किंग का दाम भी कम है और कुछ मामलों में वाहन सार्वजनिक परिवहन लेन का उपयोग भी कर सकते हैं। कहीं न कहीं ये फायदे देश में लोगों को
इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में प्रोत्साहन का काम कर रहे हैं।
भारत में भी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को अपानाने के लिए लोगों को प्रोत्सान दे रही है और इसके लिए एक तय सीमा से कम कीमत के
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि, खराब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और हालिया आग लगने के मामलों के चलते देश में अभी भी लोग नॉन-इलेक्ट्रिक वाहनों पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।