देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) के इम्पोर्ट पर टैक्स में छूट देने के किसी प्रपोजल पर केंद्र सरकार विचार नहीं कर रही। इससे अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल मेकर Tesla को झटका लग सकता है। Tesla ने देश में अपनी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री शुरू करने के लिए सरकार से इम्पोर्ट टैक्स में छूट देने की मांग की थी।
टेस्ला और अन्य विदेशी कार मेकर्स को लोकल कंपोनेंट्स से वैल्यू एडिशन को लेकर और इम्पोर्ट टैक्स में सब्सिडी से जुड़े एक प्रश्न पर, मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर कॉमर्स एंड इंडस्ट्री Som Parkash ने बताया कि ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए सरकार ने 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ एक प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य EV सहित एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी वाले प्रोडक्ट्स की देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना है। उनका कहना था कि EV के इम्पोर्ट पर टैक्स में सब्सिडी देने का कोई प्रपोजल नहीं है।
लगभग दो वर्ष पहले
टेस्ला ने सरकार से EV पर 40 प्रतिशत का इम्पोर्ट टैक्स लगाने का निवेदन किया था। देश में इम्पोर्ट किए जाने वाले व्हीकल्स पर 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक का टैक्स है। दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति Elon Musk की अगुवाई वाली टेस्ला की भारत में फैक्टरी लगाने की योजना है। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अगर सरकार 12,000 व्हीकल्स के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाती है तो टेस्ला 50 करोड़ डॉलर तक इनवेस्टमेंट करने के लिए तैयार है। सरकार की ओर से अगर 30,000 व्हीकल्स पर इस टैक्स में कमी की जाती है तो टेस्ला दो अरब डॉलर तक का इनवेस्टमेंट कर सकती है।
पिछले कुछ वर्षों में
EV की बिक्री तेजी से बढ़ी है। टेस्ला को सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने और EV की मैन्युफैक्चरिंग करने को कहा है। EV की कॉस्ट को घटाने के लिए इसकी देश में बैटरी बनाने की भी योजना है। टेस्ला ने भारत से 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने की भी तैयारी की है। हाल ही में ट्रेड मिनिस्टर Piyush Goyal ने बताया था, "पिछले वर्ष टेस्ला ने देश से लगभग एक अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदे थे। इस वर्ष कंपनी का टारगेट 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने का है।" EV के इंटरनेशनल मार्केट में टेस्ला पहले स्थान पर है।