चीनी सामान को लेकर एक कहावत जमाने से मशहूर है, चला तो चांद तक, नहीं तो रात तक! आपको चीन की वो लड़ियां तो याद होंगी जो एक दिवाली के बाद अगली दिवाली जलती ही नहीं। कुछ ना कुछ खराबी आ जाती है। ऐसा लगता है कि चीन ने ऐसा ही सामान बांग्लादेश को पकड़ाकर उसे ‘ठग' लिया है। बांग्लादेश काफी वक्त से चीन से
हथियार वगैरह खरीद
(china Bangladesh defence news) रहा है। युद्धपोत से लेकर गश्त करने वाली नाव और जहाज से लेकर चीन में बने F-7 फाइटर जेट, क्या-क्या नहीं खरीदा चाइना से। K-8W एयरक्राफ्ट और कम दूरी वाले एयर डिफेंस सिस्टम की भी खरीद की बांग्लादेश ने। इन हथियारों और तकनीक की पोल अब खुल गई है।
इकॉनमिक टाइम्स की एक
रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश ने चीन पर डिफेक्टिव कलपुर्जे देने का आरोप लगाया है। कहा है कि चीन से खरीदे हथियारों में टेक्निकल प्रॉब्लम आ रही है। कई हथियार तो ऐसे हैं जो फायरिंग नहीं कर रहे। बांग्लादेश बार-बार चीन से कह रहा है कि डिफेक्टिव पार्ट्स की सप्लाई की जाए और चीनी कंपनियां हैं कि चीज ठीक करने के लिए ज्यादा पैसों की डिमांड कर रही हैं।
ना सिर्फ बांग्लादेश की थल सेना, नेवी भी ऐसी परेशानियों से जूझ रही है। चीन से बनकर दो फ्रीगेट बांग्लादेश आईं और शुरुआत से ही उनमें गड़बड़ी आने लगी। बांग्लादेश ने सवाल किया तो चीन की ओर से एक्स्ट्रा पैसे मांग लिए गए कहा गया कि तभी दिक्कत ठीक कर पाएंगे।
हद तो तब हो गई जब बांग्लादेश ने दो सबमरीन चीन से खरीदीं और बहुत सस्ते में चीन ने दे भी दी। बाद में पता चला कि वो तो यूज्ड सबमरीन थीं। यानी चीन ने बांग्लादेश को पुराना सामान पकड़ा दिया। चीन के लिए वो सबमरीन किसी काम की नहीं थीं और उसने उनसे भी पैसे बनाए।
रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लोदश की नेवी ने पिछले साल जब एक चीनी कंपनी को बताया कि उसके बनाए युद्धपोत पर जो तोप लगी है, वह बेकार है और काम नहीं कर रही तो चीनी कंपनी ने ज्यादा पैसे मांगे और तब तोप ठीक करने की बात कही।
रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सामान से थक कर निराश बांग्लादेश अब तुर्की की ओर शिफ्ट हो गया है। उसने तुर्की से रॉकेट सिस्टम की खरीद की है। चीनी सामान का शिकार बांग्लादेश ही नहीं, दुनिया के कई देश हुए हैं। खासतौर पर मिलिट्री इक्विपमेंट की खरीद करने वाले देश खासे परेशान हैं और चीनी कंपनियों या वहां की सरकार से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही।