पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज का सेगमेंट तेजी से बढ़ा है। इस मार्केट में Bitcoin की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक की है। हालांकि, भारत में केंद्र सरकार का क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रवैया सख्त रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बिटकॉइन को लेकर आशंका जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन में ट्रेडिंग को हवाला कारोबार की तरह बताया है। इसके साथ ही कोर्ट ने वर्चुअल करेंसीज के रेगुलेशन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं करने पर केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई है।
कथित तौर पर
बिटकॉइन के गैर कानूनी ट्रेड के लिए गिरफ्तार किए गए Shailesh Babulal Bhatt की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्य कांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने बिटकॉइन में ट्रेडिंग को
हवाला कारोबार के जैसा बताया है। बेंच ने कहा कि लगभग दो वर्ष पहले बिटकॉइन में ट्रेडिंग से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान उसने सरकार से कोर्ट को वर्चुअल करेंसीज की ट्रेडिंग से जुड़ी पॉलिसी के बारे में जानकारी देने को कहा था लेकिन अभी तक उन्हें कोई उत्तर नहीं मिला है।
भट की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट Mukul Rohatgi ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का एक सर्कुलर खारिज करने के बाद देश में बिटकॉइन में ट्रेडिंग गैर कानूनी नहीं है और इस वजह से उनके क्लाइंट की गिरफ्तारी गलत है। जस्टिस सूर्य कांत ने रोहतगी को बताया कि वह व्यक्तिगत तौर पर बिटकॉइन के बारे में अधिक नहीं जानते लेकिन कोर्ट ने सरकार को बताया है कि अगर इसे लेकर रेगुलेटरी नियंत्रण है तो कोई समस्या नहीं होगी। जस्टिस सूर्य कांत का कहना था, "मैं केवल यह समझता हूं कि कुछ वास्तविक बिटकॉइन हैं और कुछ जाली बिटकॉइन हैं। देश में बिटकॉइन में ट्रेडिंग हवाला कारोबार के एक बेहतर तरीके से निपटने के जैसा है।"
रोहतगी ने बताया कि बिटकॉइन की बहुत अधिक वैल्यू है और विदेश में आप कार शोरूम में जाकर सिर्फ एक बिटकॉइन से एक कार खरीद सकते हैं। उन्होंने बताया कि बिटकॉइन की वैल्यू लगभग 82 लाख रुपये की है। रोहतगी ने कहा कि वह खुद भी इस ट्रेड के बारे में ज्यादा नहीं समझते। एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) और गुजरात सरकार की ओर से पेश हुई एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वे जमानत याचिका को लेकर विस्तृत जवाब दाखिल करना चाहते हैं क्योंकि यह केवल बिटकॉइन में ट्रेड के बारे में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और ED को अपना जवाब देने के लिए 10 दिनों की अवधि दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी। भट ने दावा किया है कि उन्हें पिछले वर्ष पुलिस ने गिरफ्तार किया था और इसके बाद से वह हिरासत में है।
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