स्टेबलकॉइन Terra में भारी गिरावट से क्रिप्टो मार्केट में डर का माहौल

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं

स्टेबलकॉइन Terra में भारी गिरावट से क्रिप्टो मार्केट में डर का माहौल

क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है

ख़ास बातें
  • USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं
  • रिजर्व के तौर पर बिटकॉइन इस्तेमाल करने से TerraUSD की मुश्किल बढ़ी है
  • बिटकॉइन में गिरावट से TerraUSD में भी बिकवाली हो रही है
विज्ञापन
मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से चौथे सबसे बड़े स्टेबलकॉइन TerraUSD की वैल्यू मंगलवार को लगभग एक-तिहाई घट गई। इससे क्रिप्टो इनवेस्टर्स में डर का माहौल है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के 10 महीनों में पहली बार 30,000 डॉलर से नीचे जाने का भी यह एक कारण रहा। 

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं। क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है। इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है। प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है। एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन कहे जाने वाले TerraUSD ने मंगलवार को डॉलर के साथ अपने 1:1 के जुड़ाव को तोड़ दिया। प्राइस साइट Coingecko के अनुसार, यह 0.67 डॉलर तक गिर गया। 

अन्य स्टेबलकॉइन्स का सामान्य एसेट्स में रिजर्व होता है लेकिन TerraUSD इसे एक एल्गोरिद्म के जरिए बरकरार रखता है, जो एक अन्य बैलेंसिंग टोकन Luna के इस्तेमाल से सप्लाई और डिमांड को नियंत्रित रखती है। Luna Foundation Guard ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा था कि वह TerraUSD के डॉलर के साथ जुड़ाव को ओवर-द-काउंटर ट्रेडिंग फर्मों को 1.5 अरब डॉलर के लोन के जरिए बरकरार रखेगी। इस लोन में से आधा बिटकॉइन और आधा TerraUSD में होगा। डिजिटल एसेट्स के बिजनेस से जुड़े Amber Group के सेल्स डायरेक्टर Justin Anethan ने बताया कि रिजर्व के तौर पर बिटकॉइन का इस्तेमाल करने से TerraUSD के लिए मुश्किल बढ़ी है। दोनों टोकन में बिकवाली के कारण गिरावट आ रही है।

बिटकॉइन का प्राइस मंगलवार को 10 महीनों में पहली बार 30,000 डॉलर से नीचे चला गया। इसके साथ ही टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयर्स में भी गिरावट आई है। बिटकॉइन में गिरावट से TerraUSD में भी बिकवाली हो रही है। QCP Capital ने कहा कि बिटकॉइन एक महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल पर है। इसमें गिरावट और अन्य कारणों से TerraUSD के लिए रिस्क बढ़ सकता है। 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Bitcoin, Selling, Terra, Market, Demand, Technology, Supply, Reserve
गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Xiaomi TV F Pro 2026: शाओमी ने 32, 43, 50, 55, 65 और 75 इंच 4K QLED TV किए लॉन्च, जानें कीमत
  2. Itel का सस्ता फोन Itel A90 भारत में 4GB रैम, 5000mAh बैटरी के साथ Rs 6,499 में लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  3. Dubai में भी की जा सकेंगी क्रिप्टोकरेंसीज से पेमेंट, Crypto.com के साथ किया टाई-अप
  4. Oppo के Reno 14 Pro में होगी 6.83 इंच की स्क्रीन, 6,200mAh बैटरी
  5. Realme के GT 7 में होगा MediaTek Dimensity 9400e चिपसेट, 27 मई को लॉन्च
  6. Samsung Galaxy S25 Edge vs Xiaomi 15 Ultra vs iPhone 16 Pro: देखें कौन सा फ्लैगशिप फोन है बेस्ट
  7. Sony ने बेची PS5 की 1.80 करोड़ से ज्यादा यूनिट्स, GTA 6 में देरी का सेल्स पर पड़ेगा असर!
  8. अब फोटो से बना पाएंगे शॉर्ट वीडियो, TikTok ने पेश किया नया AI फीचर
  9. क्रिप्टो मार्केट में रिकवरी, Bitcoin का प्राइस, 1,03,500 डॉलर से ज्यादा
  10. Airtel Down: भारत के कई हिस्सों में रुकावट के बाद एयरटेल सर्विस फिर से शुरू
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »