पाकिस्तान सरकार ने देश में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए तीन सब-कमिटियों का गठन किया है। ये कमिटी क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के सभी पहलुओं का आकलन करेंगी और पाकिस्तान के क्रिप्टो कानून के लिए बेहतर सुझाव पेश करेंगी। सब-कमिटियों का गठन वित्त सचिव हमीद याकूब शेख की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान किया गया था ताकि यह तय किया जा सके कि विशाल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को वैध या प्रतिबंधित किया जाना चाहिए या नहीं। एक स्थानीय समाचार पत्र के अनुसार, पाकिस्तान की सरकार क्रिप्टो लेनदेन पर पूरी तरह से बैन या उसपर सख्त कंट्रोल करने का रुख करने पर विचार कर रही है।
The Express Trubune की एक
रिपोर्ट के अनुसार, गठित पैनल क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के हर एक पहलू के आधार पर अपने सुझाव पेश करेंगे, जिसमें इसकी कानूनी स्थिति और उस पर प्रतिबंध शामिल है। सुझाव वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति को भेजे जाएंगे।
पहले पैनल की नींव पाकिस्तान के कानूनी सचिव की अध्यक्षता में रखी गई थी। अन्य सदस्यों में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP), फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) और पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (PTA) मौजूद रहेंगे।
समिति इस बात पर विचार करेगी कि क्या मौजूदा नियमों के तहत क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया जा सकता है। यह सुरक्षा और तकनीकी प्रगति के बीच नाजुक संतुलन को बनाए रखते हुए क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक तरीके का भी सुझाव देगा।
अन्य दोनों उप-समितियों की अध्यक्षता एसबीपी की डिप्टी गवर्नर साइमा कमल करेंगी। कमीटियों में मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान, पीटीए और अन्य के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
रिपोर्ट क्रिप्टोकरेंसी पर तत्काल प्रतिबंध लगाने और भविष्य में इसके परिणामों पर उनके विचार भी बताएगी। वे इस बात पर भी विचार करेंगे कि देश में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने से क्या पाकिस्तान अन्य देशों के पीछे रह जाएगा।