बिटकॉइन (Bitcoin) और ईथर (Ether) जैसी क्रिप्टोकरेंसी एक भरोसेमंद पेमेंट साधन बनने के लिए बहुत अस्थिर हैं। मास्टरकार्ड के भारतीय मूल के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) सचिन मेहरा ने ब्लूमबर्ग को हाल में दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही है। मेहरा की राय में, क्रिप्टोकरेंसी वास्तव में असेट कैटिगरी में बेहतर लगती हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसीज नकदी से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निपटने में मदद कर सकती हैं। ब्लॉकचेन अपनाने वाली शुरुआती कंपनियों में खुद को स्थापित करने के लिए मास्टरकार्ड ने हाल के दिनों में कई कदम उठाए हैं।
मास्टरकार्ड के इस एग्जीक्यूटिव ने
कहा कि अगर हर दिन मूल्य में कुछ उतार-चढ़ाव होता है, जैसे कि आपकी स्टारबक्स कॉफी की कीमत आज 3 डॉलर (लगभग 240 रुपये) है और यह आपको 9 डॉलर (लगभग 715 रुपये) में मिलेगी और इसके अगले दिन आपको एक डॉलर कीमत चुकानी होगी, तो कंस्यूमर के दृष्टिकोण से एक एक समस्या है।
कुछ अमेरिकी सीनेटरों द्वारा क्रिप्टो करों में छूट लाने का प्रस्ताव देने के बाद मेहरा का यह बयान आया है। नए बिल में 50 डॉलर (लगभग 4,000 रुपये) तक के पर्सनल क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस के लिए टैक्स छूट का प्रस्ताव दिया गया है। इस बिल का नाम ‘वर्चुअल करेंसी टैक्स फेयरनेस एक्ट' है, जिसका मकसद रोजाना के पेमेंट मोड के रूप में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को आसान बनाना है। मेहरा के अनुसार, CBDCs और स्टेबलकॉइंस रोजाना के पेमेंट के लिए बेहतर हैं।
कई देशों में सीबीडीसी की प्रक्रिया जारी होने के बीच जून महीने में डेलॉइट के एक सर्वे में कहा गया था कि अमेरिका में 75 फीसदी से ज्यादा रिटेलर्स डॉलर और कार्ड के लिए वैध पेमेंट ऑप्शन के रूप में स्टेबलकॉइंस को अपनाने में रुचि रखते हैं। सर्वे के लिए डेलॉइट ने रिटेल ऑर्गनाइजेशंस के 2,000 से ज्यादा सीनियर मेंबर्स को चुना था।
मई में मास्टरकार्ड के अधिकारी हेरोल्ड बॉस ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को ग्लोबल आर्थिक ढांचे में बारीकी से जोड़ने की जरूरत है। फिलहाल मास्टरकार्ड टॉप ग्लोबल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स में से एक है जो वेब3 से संबंधित इनिशिएटिव्स को तेज कर रहा है। जून में मास्टरकार्ड ने सात नए पार्टनर्स के साथ करार किया था। इनमें द सैंडबॉक्स के साथ-साथ इम्यूटेबल एक्स, कैंडी डिजिटल, मिंटेबल, स्प्रिंग, निफ्टी गेटवे और मूनपे शामिल हैं। हाल ही में लॉन्च किए गए NFT प्लेटफॉर्म पर कैश पेमेंट को सपोर्ट करने के लिए मास्टरकार्ड पहले से ही कॉइनबेस के साथ काम कर रहा है।