काबोसु (Kabosu), मीम कॉइन की शुरुआत के साथ लंबे अर्से से इंटरनेट पर छाया हुआ शीबा इनु (Shiba Inu) नस्ल का कुत्ता अब इस दुनिया में नहीं रहा। काबोसु ने "Doge" मीम को प्रेरित किया और डॉजकॉइन (
Dogecoin) क्रिप्टोकरेंसी को एक तस्वीर दी थी। काबोसु का निधन शुक्रवार को हुआ। वह 18 साल की थी। काबोसु ने डॉजकॉइन के बाद मीम कॉइन हिस्से को इस कदर प्रेरित किया कि मार्केट में Shiba Inu (SHIB), Bonk, Floki Inu जैसे मीम कॉइन्स की बाढ़ आ गई। काबोसु के लिए रविवार, 26 मई को दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक नरीता शहर के कोत्सु नो मोरी में एक विदाई पार्टी आयोजित की जाएगी।
Dogecoin के आधिकारिक अकाउंट ने X पर काबोसु के निधन की जानकारी दी। अपने पोस्ट में हैंडल ने लिखा, "आज काबोसु, हमारे कम्युनिटी की साझा मित्र और प्रेरणा, शांतिपूर्वक अपने मालिक की बाहों में चल बसी।" उन्होंने काबोसु की लोकप्रियता के बारे में बात करते हुए कहा कि काबोसु ने "दुनिया भर में जो प्रभाव डाला है वह अतुलनीय है।"
काबोसु "Doge" मीम के रूप में पॉपुलर है, जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी डॉजकॉइन का निर्माण हुआ। शुरुआत में इसे हल्के में लिया गया और एक कमजोर मीम कॉइन सोचा गया, लेकिन DOGE आज क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में मीम कॉइन मार्केट हिस्से की कमान संभालता है। वर्तमान में यह सबसे बड़ा मीम कॉइन है, जिसके बाद Shiba Inu आता है। Shiba Inu का लोगो भी काबोसु की नस्ल से प्रेरित है।
Dogecoin ही वह लीडर है, जिसकी सफलता के बाद मार्केट में
SHIB आया और उसके बाद
Floki Inu, Bonk जैसे डॉग प्रेरित मीम कॉइन्स की बाढ़ आ गई।
काबोसु के मालिक ने एक
ब्लॉग पोस्ट में खुलासा किया कि वे रविवार, 26 मई को दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक नरीता शहर के कोत्सु नो मोरी में फ्लावर काओरी में "काबो-चान के लिए विदाई पार्टी" आयोजित करेंगे। यह भी खुलासा किया गया है कि मरने से एक रात पहले, काबोसु ने "हमेशा की तरह चावल खाया और खूब पानी पिया।" वह अगले दिन नींद में ही शांतिपूर्वक और "चुपचाप" मर गई।
उन्होंने ब्लॉग में खुलासा किया कि काबोसु "दुनिया का सबसे खुश कुत्ता था" और मालिक को ऐसा लगा जैसे वे "उसे पाकर सबसे खुश व्यक्ति" थे।