यूक्रेनी वॉलंटियर्स और हैकिंग ग्रुप्स को मिलने वाले बिटकॉइन (Bitcoin) डोनेशन में बढ़ोतरी आई है। इनमें से कुछ ने गवर्नमेंट फोर्सेज को इक्विपमेंट सप्लाई किए हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में ऐसे ग्रुप्स को 550,000 डॉलर से ज्यादा मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी हासिल हुई है। ब्लॉकचेन रिसर्चर एलिप्टिक (Elliptic) द्वारा पब्लिश एक रिपोर्ट से पता चलता है कि यूक्रेन की सरकार को सपोर्ट करने वाले वॉलंटियर्स ग्रुप्स के लिए फंडिंग मैथड के रूप में डिजिटल करेंसीज का महत्व बढ़ रहा है, क्योंकि यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका बढ़ती जा रही है। हालांकि रूस हमले की योजना से इनकार करता रहा है।
Elliptic ने
कहा है कि साल 2020 में इन ग्रुप्स ने सिर्फ 6,000 डॉलर (लगभग 4,48,900 रुपये) की
क्रिप्टोकरेंसी जुटाई थी, जो 2021 के मुकाबले काफी कम है। क्रिप्टोकरेंसी को गुमनाम तरीके से भेजा और हासिल किया जा सकता है। इससे ऑर्गनाइजेशंस को पैसे जुटाने की अनुमति मिलती है। Elliptic का कहना है कि बात जब दूसरे देशों से डोनेशन लेने की आती है, तो क्रिप्टोकरेंसी एक मजबूत और बढ़ती ऑप्शन साबित हुई है।
Elliptic का काम फाइनेंशियल फर्म और सरकारी एजेंसियों के लिए ब्लॉकचेन पर क्रिप्टोकरेंसी के मूवमेंट को ट्रैक करना है। इसके मुताबिक, कीव (Kyiv) बेस्ड एक ग्रुप- Come Back Alive ने साल 2018 में क्रिप्टो में फंड जुटाना शुरू किया था। इसने 2021 की दूसरी छमाही में लगभग 200,000 डॉलर (149.7 लाख रुपये) के क्रिप्टो हासिल किए।
Come Back Alive का कहना है कि वह यूक्रेन की सेना को ड्रोन, स्नाइपर-राइफल स्कोप और मोबाइल सर्विलांस सिस्टम समेत मेडिकल सप्लाई प्रदान करता है। रॉयटर्स से बातचीत में इसने कहा कि अगस्त के बाद से 14 ट्रांजैक्शन के जरिए इसने 166,781 डॉलर (124.7 लाख रुपये) की क्रिप्टोकरेंसी जुटाई है। इसे अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है और फ्यूचर प्रोजेक्ट्स के लिए रखा गया है। लोगों की मांग को देखते हुए Come Back Alive ने एक बिटकॉइन वॉलेट भी बनाया है।
Elliptic ने कहा कि एक अन्य ग्रुप, यूक्रेनी साइबर एलायंस (Ukrainian Cyber Alliance) ने पिछले एक साल में क्रिप्टो में लगभग 100,000 डॉलर (74.8 लाख रुपये) जुटाए हैं। ग्रुप का
फेसबुक पेज खुद को ‘यूक्रेनी हैक्टिविस्टों का एक समुदाय' बताता है। पेज पर बिटकॉइन डिजिटल वॉलेट का अड्रेस भी दिया गया है।
इसके प्रवक्ता ने पिछले साल बताया था कि ग्रुप मकसद रूसी सिक्योरिटी और राजनीतिक आंकड़ों के बारे में जानकारी जुटाना है। यह जानकारी यूक्रेन की सेना को दी जाती है। रॉयटर्स को दिए जवाब में यूक्रेनी साइबर एलायंस ने कहा कि उसने कभी भी क्रिप्टो पर ‘बड़ा क्राउडफंडिंग अभियान' नहीं चलाया। वह प्राइवेट डोनर्स से डिजिटल टोकन स्वीकार करता है।