पिछले साल बिटकॉइन (Bitcoin) को लीगलाइज बनाने वाला मध्य अमेरिकी देश ‘अल सल्वाडोर' अपने खजाने में बिटकॉइन की संख्या को कई गुना बढ़ा रहा है। बिटकॉइन में आई हालिया गिरावट के बाद अल सल्वाडोर ने 15 मिलियन डॉलर (लगभग 110 करोड़ रुपये) में 410 और बिटकॉइन टोकन का एक बैच खरीदा है। हाल के दिनों में बिटकॉइन की कीमतें 42,270 डॉलर (लगभग 30 लाख रुपये) से गिरकर 35,000 डॉलर (लगभग 25 लाख रुपये) पर आ गई हैं। अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने ट्विटर पर इस बारे में जानकारी का खुलासा किया।
अल सल्वाडोर के 40 वर्षीय राष्ट्रपति ने अपने 3.4 मिलियन फॉलोवर्स को ट्वीट किया कि कुछ लोग वास्तव में सस्ते में बेच रहे हैं।' इस देश के पास अब 1500 से अधिक
बिटकॉइन होने का अनुमान है, जिसका मूल्य 50 मिलियन डॉलर (लगभग 375 करोड़ रुपये) से ज्यादा हो सकता है।
CoinMarketCap के अनुसार, साल 2022 में बिटकॉइन अब तक के अपने न्यूनतम मूल्य पर है और वर्तमान में 33,645 डॉलर पर कारोबार कर रहा है।
पिछले सप्ताह क्रिप्टो मार्केट के क्रैश होने की मुख्य वजह रूस के सेंट्रल बैंक के प्रस्ताव को माना जा रहा है। इसमें क्रिप्टो गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। मौजूदा वक्त में क्रिप्टोकरेंसी कीमतें काफी नीचे चली गई हैं और ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी नुकसान के संकेत दे रही हैं।
हालांकि राष्ट्रपति बुकेले, बिटकॉइन की अस्थिरता से प्रभावित नहीं लग रहे। आगे भी वह बिटकॉइन को लेकर अपने सकारात्मक रुख पर कायम रह सकते हैं।
देश में क्रिप्टो को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रपति बुकेले कई पहल कर रहे हैं। इनमें बिटकॉइन एटीएम की स्थापना से लेकर अल साल्वाडोर के लिए चिवो (Chivo) नाम का बिटकॉइन वॉलेट बनाने जैसी कोशिशें शामिल हैं। इस बीच दुनिया के बाकी हिस्सों में क्रिप्टो सेक्टर को रेगुलेट करने पर चर्चा जारी है।
भारत और रूस उन देशों में से हैं, जहां हाल के दिनों में क्रिप्टो एक्टिविटीज पर बैन लगाने के प्रस्ताव वहां की सरकार तक पहुंचे हैं।
बिटकॉइन समेत बाकी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पिछले तीन महीनों में दुनिया भर की सरकारों ने सकारात्मक रुख नहीं दिखाया है। इस वजह से ही इस करेंसी ने अपनी वैल्यू खाई है। CoinMarketCap के आंकड़ों के मुताबिक, बिटकॉइन का मौजूदा मार्केट कैप 665 अरब डॉलर (करीब 50,56,000 करोड़ रुपये) है, जो नवंबर 2021 में 1.3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 100 लाख करोड़ रुपये) से कम है।