अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि हम (मध्य अमेरिकी देश) ने ज्वालामुखियों से क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल करके पहले बिटकॉइन की माइनिंग की है।
बुकेले ने ट्वीट किया कि 0.00483976 बिटकॉइन, जिसकी कीमत अभी लगभग 230 डॉलर है, का खनन किया गया था। बिटकॉइन उस दिन सुबह 7 बजे (ET) लगभग 10% बढ़कर 47,485 डॉलर (लगभग 35 लाख रुपये) पर पहुंच गया।
कई ट्वीट्स कमेंट्स ने इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में माना।
बिटकॉइन का खनन करने के लिए रिन्यूएबल वॉलकेनो एनर्जी का इस्तेमाल करने का मतलब है कि नेटवर्क में डेटा के ब्लॉक से कॉइन निकालने की प्रोसेस में कार्बन की मात्रा कम निकलेगी। कैम्ब्रिज के बिटकॉइन बिजली खपत इन्डेक्स के अनुसार, बिटकॉइन माइनिंग में आमतौर पर फिलीपींस की तुलना में एक वर्ष में अधिक बिजली खर्च होती है।
"हम अभी भी टेस्टिंग और इंस्टॉलिंग कर रहे हैं, लेकिन यह आधिकारिक तौर पर #volcanode से पहला #Bitcoin खनन है," राष्ट्रपति ने कहा।
बुकेले ने कहा कि अल सल्वाडोर ने अपने बिटकॉइन वॉलकेनो प्रोजेक्ट को शुरू करने की दिशा में भी कदम उठाए थे, जो कि सप्ताह के शुरू में ट्विटर पर अनाउंसमेंट में था।
राष्ट्रपति ने पहली बार जून में कहा था कि वह देश की सरकारी स्वामित्व वाली जियोथर्मल इलेक्ट्रिक कंपनी, LaGeo SA de CV, से वॉलकेनो से एनर्जी का इस्तेमाल करके 100% क्लीन बिटकॉइन माइनिंग प्लान बनाने के लिए कहेंगे।
अल सल्वाडोर ने सितंबर में
बिटकॉइन को लीगल टेंडर बनाया था। देश में 400 बिटकॉइन खरीदने के बाद रोलआउट 7 सितंबर से शुरू हुआ था। हालांकि उस समय पर देश में इसका जम कर विरोध भी हुआ था। जगह जगह पर इसे लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे। इसी के चलते उस समय पर बिटकॉइन ही नहीं बल्कि
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी हर चीज पर इसका असर पड़ा था। उस वक्त क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें नीचे आ गई थीं। मगर उसके बाद से क्रिप्टो मार्केट ने फिर से अपनी गति पकड़ ली। सोमवार को बिटकॉइन मंगलवार की अपेक्षा मामूली गिरावट के साथ खुला। 4 अक्टूबर को
भारत में बिटकॉइन की कीमत सुबह 11 बजे (IST) 37 लाख रुपये पर थी।