Bitcoin की कीमत ने एक बार फिर गोता लगा दिया है। मंगलवार को अल सल्वाडोर बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने वाला पहला देश बना गया। मगर इसी के साथ देश में इसको लेकर विरोध ने भी जोर पकड़ लिया। बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट देखने को मिली है। ब्लॉकचेन से संबंधित फर्मों के शेयरों में भी गिरावट आई क्योंकि क्रिप्टो स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आउटेज से प्रभावित हुए। मगर मेन फोकस अल सल्वाडोर पर था, जहां सरकार को डिमांड से निपटने के लिए अस्थायी रूप से एक डिजिटल वॉलेट को अनप्लग करना पड़ा।
बिटकॉइन, दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय
क्रिप्टोकरेंसी, 17% से अधिक गिरकर 43,000 डॉलर (लगभग 31.6 लाख रुपये) पर पहुंच गई। इससे पहले यह 9.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 47,140.27 डॉलर (लगभग 34.6 लाख रुपये) पर कारोबार कर रही थी।
भारत में बिटकॉइन की कीमत 8 सितंबर को सुबह 10 बजे (IST) तक 37.4 लाख रुपये थी।
बिटकॉइन का छोटा प्रतिद्वंद्वी Ether, इथेरियम ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़ा कॉइन, 11.99 प्रतिशत गिर गया।
भारत में ईथर की कीमत 8 सितंबर को सुबह 10 बजे (IST) तक 2.77 लाख रुपये थी। प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Coinbase Global और Kraken ने कहा कि उन्हें अपने प्लैटफॉर्म पर कुछ ट्रांजेक्शन्स में देरी का सामना करना पड़ा।
बीते दिन क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी हर चीज को नुकसान होता दिखाई दिया। Coinbase के शेयर 4.02 फीसदी लुढ़क गए। क्रिप्टोकरेंसी माइनर Riot Blockchain 7.38 प्रतिशत गिर गया और Marathon Digital Holdings 7.76 प्रतिशत फिसल गया। BTC खरीदार और बिजनेस इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर फर्म MicroStrategy के शेयर 7.64 प्रतिशत गिर गए।