क्रिप्टो मार्केट के लिए जून का महीना रोलरकोस्टर राइड साबित हुआ है। मंगलवार को ट्र्रेडिंग शुरू होने के बाद क्रिप्टो प्राइस चार्ट पर ज्यादातर कॉइंस लाल रंग में नजर आए। दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने 2.67 फीसदी की गिरावट दर्ज की और इंडियन एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर पर यह 21,957 डॉलर (लगभग 17 लाख रुपये) पर कारोबार कर रही है। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर भी बिटकॉइन कोई मुनाफा कमाने में नाकाम रही। 2.20 फीसदी से अधिक की गिरावट के बाद BTC लगभग 20,721 डॉलर (लगभग 16 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) ने
बिटकॉइन से भी बड़ा नुकसान दर्ज किया है। गैजेट्स 360 के
क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार,
ETH की वैल्यू 3.28 फीसदी गिर गई। इसका मूल्य 1,252 डॉलर (लगभग 98,481 रुपये) हो गया है। स्टेबल कॉइंस जैसे- टीथर और यूएसडी कॉइन से लेकर बाकी पॉपुलर altcoins जैसे- बिनेंस कॉइन, कार्डानो और सोलाना की कीमतों में गिरावट देखी गई है।
डॉजकॉइन, शीबा इनु, एवलांच, पॉलीगॉन और यूनिस्वैप भी कोई मुनाफा कमाने में विफल रहे। यह हालात मार्केट की स्पीड को लगातार कम कर रहे हैं। इससे निवेशकों में भी क्रिप्टो विंटर की आशंका बढ़ रही है।
वेंचर कैपिटल फर्म साइफर कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर विनीत बुडकी ने गैजेट्स 360 को बताया कि क्रिप्टोकरेंसी विंटर कोई नई बात नहीं है। यह दो बार पहले भी आ चुका है। यह एक चक्रीय घटना है और हर चार साल में होती है। उन्होंने कहा कि यह ग्लोबल लेवल पर ज्यादा स्टेबल और प्रॉफिट देने वाले सेक्टर की नींव रखने में भूमिका निभाएगा। ऐसे प्रोजेक्ट खत्म हो जाएंगे, जिनका मकसद सिर्फ पैसे उगाहना था।
बीते 24 घंटों में क्रिप्टो मार्केट का ओवरऑल वैल्यूएशन 25 बिलियन डॉलर (लगभग 1,96,546 करोड़ रुपये) से अधिक गिर गया है। क्रिप्टो इंडस्ट्री का
मार्केट कैप फिलहाल 929 अरब डॉलर (लगभग 73,11,028 करोड़ रुपये) से अधिक है। एक दिन पहले तक यह 954 अरब डॉलर था। हालांकि इस गिरावट के बीच भी बिनेंस यूएसडी, बेबी डॉजकॉइन और स्टेट्स जैसी करेंसीज ने थोड़ा मुनाफा दर्ज किया है।
गौरतलब है कि दुनिया के साथ-साथ भारतीय क्रिप्टो मार्केट भी कठिन दौर देख रहा है। देश के सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक वजीरएक्स (WazirX) पर ट्रेडिंग वॉल्यूम नए टैक्स रेगुलेशंस की वजह से पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 95 फीसदी गिर गया है। वॉल्ड ने भी 30 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है।