Crypto इंडस्ट्री ने सरकार से क्रिप्टो ट्रेडिंग से होने वाले लाभ पर लगने वाले टीडीएस (TDS) को कम करने की अपील की है। सरकार क्रिप्टो ट्रेडिंग पर होने वाले लाभ पर 1 प्रतिशत टीडीएस लेना चाहती है। क्रिप्टो इंडस्ट्री इसे 0.01 या 0.05 प्रतिशत करवाना चाहती है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि 1 प्रतिशत टीडीएस लगाना रिटेल ट्रेडर्स के लिए ठीक नहीं है। इससे उन्होंने नुकसान होने वाला है।
CoinDCX के को-फाउंडर और सीईओ सुमित गुप्ता ने कहा कि
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर सरकार 30 प्रतिशत टैक्स ले रही है। लेकिन यह बहुत ज्यादा है और इसे कम किया जाना चाहिए।
गुप्ता ने कहा, "इंडस्ट्री के स्तर पर हम सरकार से बात कर रहे हैं। इस संबंध में हमने सरकार के सामने एक प्रेजेंटेशन भी सब्मिट की है। प्रजेंटेशन में हमने बताया है कि कैसे क्रिप्टो इनकम पर लगने वाला 30 प्रतिशत टैक्स और 1 प्रतिशत टीडीएस क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए हानिकारक होने वाला है। यह ट्रेडर्स के लिए कैपिटल को लॉक कर देगा और मार्केट से लिक्विडिटी खत्म हो जाएगी। अगर मार्केट में लिक्विडिटी नहीं रहेगी तो रिटेल निवेशकों को नुकसान होगा।"
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि CoinDCX अपने प्लेटफॉर्म पर अपने इनवेस्टर्स से भी बात कर रही है कि कैसे नए टैक्स नियमों के साथ आगे बढ़ा जा सकता है।
"हम अपनी तरफ से इसे साधारण और आसान बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फिर भी हमें सरकार से बात चलाए रखनी होगी कि कैसे टीडीएस को 0.01 या 0.05 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। क्रिप्टो इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्स भी बहुत ज्यादा है, हम इसे भी कम करने के लिए सरकार से अनुरोध कर रहे हैं।" गुप्ता ने कहा।
2022-23 के बजट में
क्रिप्टो संपत्ति पर लगने वाले टैक्स के बारे में साफ साफ बात की गई है। एक अप्रैल से होर्स रेसिंग में जीतने या इसी तरह के अन्य ट्रांजैक्शंस पर 30 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया है, इसके साथ सेस और सरचार्ज भी लागू है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल है। इस बार के बजट में वर्चुअल करेंसी पर एक साल के अंदर 10 हजार के ऊपर किए ट्रांजैक्शन पर 1 प्रतिशत का टीडीएस भी प्रस्तावित है। टीडीएस का प्रावधान 1 जुलाई से लागू हो जाएगा। जबकि क्रिप्टो से होने वाले लाभ पर टैक्स पहले से ही लागू हो चुका है।