बजट में क्रिप्टो इंडस्ट्री को टैक्स में कटौती की उम्मीद

क्रिप्टो से जुड़े इनवेस्टर्स ट्रांजैक्शंस पर एक प्रतिशत के TDS की वजह से विदेशी एक्सचेंजों का रुख करते हैं। इससे सरकार के लिए इन ट्रांजैक्शंस की निगरानी करना मुश्किल हो जाता है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 17 जनवरी 2025 15:35 IST
ख़ास बातें
  • क्रिप्टो इंडस्ट्री की टैक्स का बोझ अधिक होने की शिकायत है
  • बिटकॉइन का प्राइस एक लाख डॉलर से अधिक पर ट्रेड कर रहा है
  • क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया रखा है

क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया रखा है

इस वर्ष का बजट  जल्द पेश किया जाना है। देश में पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज का बिजनेस तेजी से बढ़ा है। हालांकि, क्रिप्टो इंडस्ट्री की टैक्स का बोझ अधिक होने की शिकायत है। क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को उम्मीद है कि आगामी बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman इस सेगमेंट को टैक्स में कुछ राहत दे सकती हैं। 

सरकार ने 2022 के बजट में क्रिप्टो से जुड़ी ट्रांजैक्शंस पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके अलावा इस सेगमेंट में लॉस को ऑफसेट करने पर भी पाबंदी है। क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों का कहना है कि इस सेगमेंट के लिए टैक्स को संतुलित बनाने से उनके कारोबार में तेजी आ सकती है। इन फर्मों ने क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस पर TDS को घटाकर 0.01 प्रतिशत करने, लॉस को ऑफसेट करने की अनुमति देने और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) पर टैक्स रेट को घटाने जैसी मांगें रखी हैं। 

क्रिप्टो से जुड़े इनवेस्टर्स ट्रांजैक्शंस पर एक प्रतिशत के TDS की वजह से विदेशी एक्सचेंजों का रुख करते हैं। इससे सरकार के लिए इन ट्रांजैक्शंस की निगरानी करना मुश्किल हो जाता है। अमेरिका में Donald Trump के अगले सप्ताह की शुरुआत में प्रेसिडेंट बनने से पहले इस मार्केट की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में जोरदार तेजी है। बिटकॉइन का प्राइस एक लाख डॉलर से अधिक पर ट्रेड कर रहा है। 

हालांकि, क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया रखा है। हाल ही में होम मिनिस्टर Amit Shah ने कहा था कि देश में ड्रग्स की तस्करी पर रोक लगाने की कोशिशों में क्रिप्टोकरेंसी, डार्क वेब, ऑनलाइन मार्केटप्लेस और ड्रोन्स एक चुनौती हैं। उनका कहना था कि इस पर लगाम लगाने के लिए कड़े उपायों की जरूरत है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) ने भी इस सेगमेंट पर बैन लगाने की जरूरत बताई थी। RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज को वित्तीय और मॉनेटरी स्थिरता के लिए बड़ा जोखिम बताया था। पिछले वर्ष RBI के पूर्व गवर्नर Shantikanta Das ने कहा था, "मेरा मानना है कि इसे फाइनेंशियल सिस्टम पर हावी होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इससे वित्तीय स्थिरता को लेकर बड़ा जोखिम है। क्रिप्टोकरेंसीज से बैंकिंग सिस्टम को भी रिस्क है। इससे ऐसी स्थिति बना सकती है जिसमें इकोनॉमी में फंड की सप्लाई पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल समाप्त हो सकता है।" 
 

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