भारत में VDA के एक्सचेंज, ट्रांसफर, सुरक्षा और फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़ी लगभग 55 फर्मों ने यह रजिस्टेशन कराया है
देश में पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं
देश में पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज का मार्केट तेजी से बढ़ा है। इसके साथ ही इस सेगमेंट में फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों, कस्टोडियंस और इंटरमीडियरीज को सायबर सिक्योरिटी ऑडिट कराने का निर्देश दिया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) सर्विस प्रोवाइडर्स को इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) के साथ सम्बद्ध ऑडिटर्स को नियुक्त करना होगा। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत आने वाली नोडल एजेंसी, CERT-In को सायबरस्पेस की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। क्रिप्टो एक्सचेंजों को यह निर्देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU-IND) ने दिया है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कम्प्लायंस की निगरानी की जिम्मेदारी FIU-IND के पास है। FIU-IND के पास रजिस्टेशन कराने के लिए VDA सर्विस प्रोवाइडर्स को सायबर सिक्योरिटी ऑडिट कराना होगा।
भारत में VDA के एक्सचेंज, ट्रांसफर, सुरक्षा और फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़ी लगभग 55 फर्मों ने यह रजिस्टेशन कराया है। FIU-IND एकमात्र ऐसी अथॉरिटी है जो PMLA से जुड़ी आवश्यक्ताओं का उल्लंघन करने वाली किसी फर्म के रजिस्टेशन को मना या रद्द कर सकती है। देश में सभी प्रकार के सायबर अपराधों में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत की है। इस सेगमेंट में चुराए गए एसेट्स को छिपाने के लिए हैकर्स अक्सर डार्कनेट मार्केट्स, अधिक प्राइवेसी वाले कॉइन्स और मिक्सिंग सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं। इससे इस सेगमेंट में स्कैम के मामलों की जांच में मुश्किल होती है।
इंटरनेशनल लेवल पर भारत ने क्रिप्टो के इस्तेमाल के लिहाज से लगातार तीसरे वर्ष पहला स्थान हासिल किया है। हालांकि, क्रिप्टो से जुड़ी ट्रेडिंग को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सहित रेगुलेटर्स की ओर से आशंकाएं जताई जा चुकी हैं। ब्लॉकचेन डेटा फर्म Chainalysis के इस वर्ष के ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में भारत का लगातार तीसरे वर्ष पहला स्थान है। इस रिपोर्ट में 151 देशों में क्रिप्टो के इस्तेमाल का विश्लेषण किया गया है। क्रिप्टो के इस्तेमाल में अमेरिका का दूसरा और पाकिस्तान का तीसरा रैंक है। इस रिपोर्ट में इन देशों को प्राप्त हुई ऑन-चेन वैल्यू, रिटेल ट्रांजैक्शंस, ट्रेडिंग वॉल्यूम और विभिन्न आमदनी समूहों में क्रिप्टोकरेंसीज के इस्तेमाल जैसे तथ्यों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है।
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