'2008 में आए बैंकिंग संकट जैसी है Crypto सेक्टर में चल रही मंदी'

क्रिस्टी ने कहा कि मार्केट का रेगुलेट न होना एक बड़ी खामी है, क्योंकी मार्केट साइज में काफी बड़ी है।

'2008 में आए बैंकिंग संकट जैसी है Crypto सेक्टर में चल रही मंदी'

क्रिप्टो मार्केट इससे कहीं अधिक बड़ी इक्विटी मार्केट से भी जुड़ी हुई है

ख़ास बातें
  • क्रिप्टो मार्केट को 2008 के बैंकिंग सेक्टर में आए संकट के समान बताया
  • मार्केट का रेगुलेट न होना एक बहुत बड़ी कमी है
  • क्रिप्टो मार्केट का लिक्विड मार्केट से जुड़ा होना एक अच्छी बात है
विज्ञापन

क्रिप्टोकरेंसी में आए स्लोडाउन के कारण दुनियाभर के निवेशक चिंता में हैं और उम्मीद लगा रहे हैं कि यह मंदी किसी बिंदु पर आकर रुक जाए। इस बीच कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमिशन की कमिश्नर क्रिस्टी गोल्डस्मिथ रोमेरो (Christy Goldsmith Romero) ने Cryptocurrency में आई इस मंदी को 2008 में आई वित्तीय मंदी के समान बताया है। पिछले कुछ दिनों में ही क्रिप्टो मार्केट में 312 खरब रुपये का नुकसान हो चुका है। क्रिस्टी ने कहा है कि यह अनियमित सेक्टर 2008 के फाइनेंशिअल सेक्टर की तरह मंदी में है।  

Axios को दिए एक इंटरव्यू में क्रिस्टी ने क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में आई मंदी को 2008 में विश्व अर्थव्यवस्था में आई मंदी के समान बताया। पिछले कुछ हफ्तों से क्रिप्टो मार्केट की जो डांवाडोल स्थिति बनी हुई है उसको देखते हुए सीएफटीसी की कमिश्नर क्रिस्टी ने क्रिप्टो स्पेस से जुड़े दो मुख्य बिंदुओं के बारे में बताया है। उन्होंने मार्केट को 2008 के बैंकिंग सेक्टर के समान बताया है। 

इसमें पहला बिंदु जो क्रिस्टी ने उठाया है, मार्केट का रेगुलेट न होना है जो कि साइज में काफी बड़ी है। इसमें रेगुलेशन गैप आ गया है। 

क्रिस्टी ने कहा, "हम बिटकॉइन और ईथर की तरह क्रिप्टो और इसके डेरिवेटिव्स को रेगुलेट करने जा रहे हैं लेकिन असल में हम कैश और स्पॉट मार्केट्स को रेगुलेट नहीं कर रहे हैं। हमारे पास एंटी-फ्रॉड अथॉरिटी है लेकिन यह काफी सीमित है। हमने एन्फोर्समेंट एक्शन बना लिए हैं लेकिन असल में हम मार्केट में नहीं झांक कर देखते हैं। 

दूसरे बिंदु पर उन्होंने कहा कि क्रिप्टो मार्केट इससे कहीं अधिक बड़ी इक्विटी मार्केट से भी जुड़ी हुई है। इस बात पर सहमत हुए कि शुरुआत में क्रिप्टोकरेंसी को इस तरह से डिजाइन नहीं किया था, उन्होंने कहा कि इक्विटी से इसका संबंधित होना संस्थानों और रिटेल निवेशकों के लिए किसी ईनाम से कम नहीं है। जब मार्केट में मंदी आती है तो आपको इसके रिस्क पता चलते हैं। मेरी सबसे बड़ी चिंता ये है कि अगर रेगुलेशन इसकी तकनीक के साथ कदम नहीं मिला पाती है तो यह सहज प्रभावित होने वाले लोगों के लिए मुसीबन बन सकता है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , CFTC, Cryptocurrency Market News
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. टाटा ग्रुप ने टेस्ला ने हाथ मिलाया, कंपोनेंट्स और सर्विसेज के लिए हुआ एग्रीमेंट
  2. Ola Electric ने निपटाया व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्विस प्रोवाइडर के साथ बकाया रकम का मामला
  3. भारत में Samsung की बढ़ी मुश्किल, चुकाना होगा 5,140 करोड़ से ज्यादा पिछला टैक्स, जुर्माना
  4. Vivo लेकर आ रही है भारत का 'सबसे बड़ी बैटरी' वाला स्मार्टफोन! लॉन्च से पहले लीक हो चुकी है कीमत
  5. बच्चों के चैटबॉट इस्तेमाल पर नजर रख सकेंगे माता-पिता, Character.AI ने पेश किया नया फीचर
  6. इंटरनेट पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाली AI फोटो, एलन मस्क ने माना
  7. Airtel IPTV Service: मात्र Rs 699 में हाई स्पीड Wi-Fi, OTT ऐप, 350+ TV चैनल! 2000 शहरों में Airtel की सर्विस लॉन्च
  8. BHIM 3.0 हुआ लॉन्च, अब इन एडवांस फीचर्स से डिजिटल पेमेंट होगा आसान
  9. Vivo का  X200 Ultra अगले महीने होगा लॉन्च, 200 मेगापिक्सल का हो सकता है प्राइमरी कैमरा
  10. भारत 1 अप्रैल से खत्म करेगा 'Google Tax', अमेरिकी टेक कंपनियों को बड़ी राहत!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »