क्रिप्टो सेगमेंट के लिए नई गाइडलाइंस जारी करते हुए ब्रिटेन ने स्टेबलकॉइन्स को पेमेंट के जरिए के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। Tether और Binance USD को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे रिजर्व एसेट्स के साथ जोड़ा गया है। इससे क्रिप्टो मार्केट में गिरावट आने पर भी इनसे जुड़े एसेट के प्रदर्शन के कारण इनमें बढ़ोतरी हो सकती है।
ब्रिटेन की सरकार ने पिछले वर्ष क्रिप्टो एसेट्स और स्टेबलकॉइन्स पर विचार-विमर्श शुरू किया था। इसके निष्कर्षों की घोषणा ब्रिटेन के इकोनॉमिक सेक्रेटरी जॉन ग्लेन ने ग्लोबल फाइनेंस समिट में की। एक आधिकारिक
ब्लॉग पोस्ट में बताया गया है, "स्टेबलकॉइन्स को सरकार पेमेंट्स के रेगुलेटरी दायरे में लाना चाहती है। इसके साथ ही स्टेबलकॉइन इश्युअर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए ब्रिटेन में कारोबार और इनवेस्टमेंट करने की शर्तें तय की जाएंगी।" ब्रिटेन को एक क्रिप्टो हब में बदलने के लिए वित्त मंत्री Rishi Sunak ने सरकार की गारंटी वाले नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) क्रिएट करने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा, "क्रिप्टो एसेट टेक्नोलॉजी के लिए ब्रिटेन को एक हब में बदलने की महत्वाकांक्षा है। सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस से यह पक्का करने में मदद मिलेगी कि इस सेगमेंट से जुड़ी फर्में ब्रिटेन में इनवेस्टमेंट और इनोवेशन कर सकें।" क्रिप्टो एसेट्स पर चर्चा शुरू करने के लिए ब्रिटेन ने इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ एक 'CryptoSprint' आयोजित करने का फैसला किया है। दो दिन की इस कॉन्फ्रेंस में क्रिप्टो एसेट्स से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है, "एक क्रिप्टो एसेट एंगेजमेंट ग्रुप बनाया जाएगा। इसमें रेगुलेटरी अथॉरिटीज और इंडस्ट्री से जुड़े महत्वपूर्ण लोग शामिल होंगे, जो सरकार को क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े मुद्दों पर सलाह देंगे।"
हालांकि, ब्रिटेन के फाइनेंशियल रेगुलेटर्स
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बड़े स्तर पर शुरू होने से इकोनॉमी के अस्थिर होने की आशंका जता चुके हैं। यूरोपियन यूनियन के रेगुलेटर्स ने भी हाल ही में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने वालों को अपनी पूरी रकम गंवाने के लिए तैयार रहना चाहिए। अमेरिका सहित बहुत से देशों में क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कानून बनाने पर भी काम हो रहा है। हाल के महीनों में इस सेगमेंट में स्कैम के मामले बढ़ने के कारण रेगुलेटर्स ने इस इंडस्ट्री के लिए स्क्रूटनी बढ़ाने की जरूरत बताई है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो की लेटेस्ट खबरें hindi.gadgets 360 पर और हमारे CES 2026 पेज पर देखें