Bitcoin सोमवार को तीन महीने में पहली बार 50,000 डॉलर (लगभग 37.14 लाख रुपये) से ऊपर पहुंच गया क्योंकि निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में मोलभाव-खरीदारी पर फिर से वापसी की। बिटकॉइन लगभग दो प्रतिशत चढ़कर 50,249.15 डॉलर (लगभग 37.15 लाख रुपये) पर पहुंच गया। यह मई के मध्य के बाद से सबसे अधिक स्तर है। उस वक्त क्रिप्टोकरेंसी पर कई ओर से गाज गिरी थी। इसमें क्रिप्टोकरेंसी पर चीन की कार्रवाई और टेस्ला के बॉस एलन मस्क के द्वारा खनन के पर्यावरणीय प्रभाव को देखते हुए बिटकॉइन को अस्वीकार करना भी शामिल है।
इलेक्ट्रिक कार दिग्गज Tesla ने तब से Bitcoin के लिए अपने समर्थन का संकेत दिया है, जब से Twitter के संस्थापक जैक डोर्सी सहित कई अन्य हाई-प्रोफाइल निवेशकों ने भी अपनी रुचि इसमें दिखाई है।
भारत में बिटकॉइन की कीमत 23 अगस्त को यह खबर लिखने तक 38.8 लाख रुपये थी।
अब यह जून में पहुंचे 29,000 डॉलर (लगभग 21.53 लाख रुपये) के छह महीने के निचले स्तर से 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है, और अटकलें चल रही हैं कि यह 100,000 डॉलर (लगभग 74.29 लाख रुपये) की ओर बढ़ना शुरू कर सकता है। Bensignor Investment Strategies में Rick Bensignor ने सोमवार को कहा कि यह "40,000 डॉलर (लगभग 29.71 लाख रुपये) से 50,000 डॉलर में एक नई ट्रेडिंग रेंज के रूप में मेरी अपेक्षा के उच्च अंत के करीब पहुंच रहा था।"
Bitcoin अभी भी अपने रिकॉर्ड से काफी दूर है, जो अप्रैल में हासिल किए गए 65,000 डॉलर (लगभग 48.27 लाख रुपये) के काफी नीचे है। इस क्रिप्टोकरेंसी ने साल की शुरूआत से लेकर अब तक कई उतार चढ़ाव देखे हैं। जहां साल की शुरूआत में इस डिजिटल कॉइन को टेस्ला जैसी कार मेकर कंपनी का साथ मिला तो वहीं मई महीने में इसने मार्केट क्रैश का सामना किया। उसी वक्त चीन, जापान समेत अन्य कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी खनन को लेकर कई कड़े फैसले लिए जिससे
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई।