Bitcoin की वैल्यू 64,000 डॉलर (लगभग 47.6 लाख रुपये) के निशान से ऊपर जाकर स्थिर हो गई है। पिछले हफ्ते दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद काफी नीचे आ गई और अब ऊपर बताई गई वैल्यू के पास आकर स्टेबल हो गई है। खबर लिखने के समय Bitcoin भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर पर 71,073 डॉलर (लगभग 52.9 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रहा था, जबकि CoinMarketCap और Binance जैसे वैश्विक एक्सचेंजों में BTC लगभग 65,823 डॉलर (लगभग 48.9 लाख रुपये) पर बना हुआ था। पिछले 24 घंटों में इसकी कीमत 1.71 प्रतिशत बढ़ गई है। इससे यह संकेत भी मिल रहा है कि चार सालों में क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा नेटवर्क अपग्रेड Taproot भी एक दिन पहले हुआ है। उसके बाद भी इसकी कीमत में खासा उछाल नहीं देखा गया।
इस बीच, पिछले मंगलवार को 4,840 डॉलर (लगभग 3.6 लाख रुपये) के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद,
Ether ने अपनी बढ़त लेना बंद नहीं किया है। गैजेट्स 360 के
क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर से पता चलता है कि पिछले कुछ दिनों में Ether में भले ही कुछ गिरावट आई है मगर इसमें हल्की फुल्की बढ़त भी साथ साथ होती रही है। खबर लिखने के समय Ether 5,100 डॉलर (लगभग 3.8 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा था, जो इसके 24 घंटे के निचले स्तर से 1.59 प्रतिशत अधिक था।
Dogecoin और
Shiba Inu दोनों ने सप्ताह की शुरुआत में गिरावट दर्ज की। पिछले सप्ताह के अंत में दोनों कॉइन्स में गिरावट देखी गई, लेकिन प्राइस चार्ट अभी तक किसी यू-टर्न का संकेत नहीं दे रहा है जिससे कि इनकी कीमतो में फिर से बढ़ोत्तरी की उम्मीद दिखे। जहां डॉजकॉइन 0.46 प्रतिशत ऊपर 0.28 डॉलर (लगभग 21.21 रुपये) पर कारोबार कर रहा था, शीबा इनु की कीमत पिछले 24 घंटों में 1.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 0.000053 डॉलर (लगभग 0.003927 रुपये) पर थी।
Bitcoin और Ether के अलावा, मार्केट ट्रैकर में सप्ताह की शुरुआत में लाल रंग का काफी बड़ा हिस्सा रहा। इनमें Cardano, Tether और Polkadot में 1% से कम की मामूली गिरावट देखी गई है। इस बीच,
Litecoin,
Ripple और
Tron ने बढ़त लेने वाले कॉइन्स की लिस्ट में सबसे आगे का स्थान बनाए रखा।
जहां एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) ने विश्व स्तर पर स्पीड पकड़ी है, इसी बीच भारत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इस मुद्दे पर आगे बढ़ने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। इसमें चर्चा के साथ कहा गया कि जो मार्केट रेगुलेटेड नहीं हैं उनको "मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग" का जरिया नहीं बनने दिया जा सकता।
बैठक के बाद सरकार ने प्रेस सूत्रों से कहा, "चूंकि यह मुद्दा अलग-अलग देशों की सीमाओं के साथ अलग अलग हो जाता है, इसलिए यह महसूस किया गया कि इसके लिए वैश्विक भागीदारी और सामूहिक रणनीतियों की भी आवश्यकता होगी।" इस बीच क्रिप्टो-रेगुलेशन को लेकर भारत सरकार ने इस मामले पर "प्रगतिशील" रहने और "आगे की ओर" कदम उठाने का वादा किया है।