मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में शुरुआती कारोबार के दौरान तीन प्रतिशत से अधिक तेजी आई थी और यह 22,000 डॉलर तक पहुंच गया था। हालांकि, इसके बाद प्राइस दोबारा गिर गया। ग्लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 21,700 डॉलर पर है। CoinSwitch और CoinDCX जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर यह लगभग 0.72 प्रतिशत बढ़कर 22,572 डॉलर पर कारोबार कर रहा है।
Ether में ब्लॉकचेन के अपग्रेड से पहले कुछ गिरावट आई है। ग्लोबल एक्सचेंजों पर इसका प्राइस 1,728 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर 1,826 डॉलर का है। इसकी वैल्यू में पिछले एक दिन में दो प्रतिशत से अधिक की
गिरावट हुई है। हालांकि, पिछले सप्ताह की तुलना में यह लगभग 10 प्रतिशत बढ़ी है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग कर रहे हैं। इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इस्तेमाल के लिए रिलीज किए जाने से पहले नेटवर्क के कुछ टेस्ट किए जाएंगे। इन टेस्ट से डिवेलपर्स को अपग्रेड होने के बाद नेटवर्क के प्रदर्शन को समझने में मदद मिलेगी। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है। Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है। Gadgets 360 के क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर से पता चलता है कि ज्यादातर ऑल्टकॉइन्स के लिए सप्ताह की शुरुआत मिक्स्ड रही है। Cardano, Solana, Polygon, BNB, TRON और Polkadot के प्राइसेज पिछले एक दिन में घटे हैं, जबकि Avalanche, Chainlink और Monero में कुछ तेजी है।
बिटकॉइन ने पिछले वर्ष नवंबर में 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों से इसमें एक-तिहाई से अधिक की गिरावट आई है। इससे इनवेस्टर्स के साथ ही क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को भी भारी नुकसान हुआ है। कुछ देशों में मार्केट रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर चेतावनी दी है।