बिटकॉइन ने ट्रंप के सपोर्ट से पकड़ी रफ्तार, 1,07,700 डॉलर का नया हाई बनाया

ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान क्रिप्टोकरेंसीज के लिए सख्त रेगुलेशन नहीं बनाने का संकेत दिया था। उन्होंने दुनिया में अमेरिका को क्रिप्टो की राजधानी बनाने का भी वादा किया था

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 17 दिसंबर 2024 13:53 IST
ख़ास बातें
  • इस सेगमेंट में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी भी बढ़ी है
  • सॉफ्टवेयर मेकर MicroStrategy के पास बिटकॉइन की बड़ी होल्डिंग है
  • इस वर्ष में बिटकॉइन का प्राइस दोगुने से अधिक बढ़ा है

ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान क्रिप्टोकरेंसीज के लिए सख्त रेगुलेशन नहीं बनाने का संकेत दिया था

अमेरिका में पिछले महीने प्रेसिडेंट के चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद क्रिप्टो मार्केट में तेजी आई है। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने लगातार नए हाई बनाए हैं। बिटकॉइन ने 1,07,700 डॉलर से अधिक का नया हाई लेवल छुआ है। ट्रंप के बिटकॉइन रिजर्व बनाने का संकेत देने से इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस तेजी से बढ़ा है। 

चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसीज के हित में पॉलिसी बनाने की जानकारी दी थी। क्रिप्टोकरेंसीज के समर्थक माने जाने वाले Paul Atkins को ट्रंप ने अमेरिका के मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) का अगला चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की है। SEC में इससे पहले भी एटकिन्स ने कमिश्नर की पोजिशन पर कार्य किया है। बिटकॉइन का मार्केट कैपिटलाइजेशन बढ़कर लगभग 2.11 लाख करोड़ डॉलर हो गया है। 

इस सेगमेंट में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी भी बढ़ी है। एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर मेकर MicroStrategy के पास बिटकॉइन की बड़ी होल्डिंग है। इस कंपनी को Nasdaq 100 में शामिल किया गया है। हालांकि, कंपनी की बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट की स्ट्रैटेजी को लेकर सवाल भी उठे हैं। माइक्रोस्ट्रैटेजी ने शुरुआत में इन्फ्लेशन के खिलाफ हेज के लिए बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट करने का फैसला किया था। इस वर्ष में बिटकॉइन का प्राइस दोगुने से अधिक बढ़ा है। ट्रंप की जीत के बाद से इसमें 40 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है। इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) को मंजूरी मिलने के बाद भी क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई थी। बिटकॉइन स्पॉट ETF को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इसमें इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की बड़ी हिस्सेदारी है। 

ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान क्रिप्टोकरेंसीज के लिए सख्त रेगुलेशन नहीं बनाने का संकेत दिया था। उन्होंने दुनिया में अमेरिका को क्रिप्टो की राजधानी बनाने का भी वादा किया था। अमेरिका में क्रिप्टो मार्केट में इनवेस्टमेंट करने वालों की बड़ी संख्या है। ट्रंप की जीत में इन इनवेस्टर्स का भी योगदान होने का अनुमान है। अमेरिका के मौजूदा प्रेसिडेंट Joe Biden की सरकार में रेगुलेटर्स ने क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों के खिलाफ कड़ी एन्फोर्समेंट कार्यवाही की मांग की थी। हालांकि, इन रेगुलेटर्स ने इंडस्ट्री की रेगुलेशंस बनाने की मांग को ठुकरा दिया था। 
 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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