क्रिप्टो मार्केट पर मैसेजिंग ऐप Telegram को को-फाउंडर, Pavel Durov की गिरफ्तारी का असर पड़ा है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस लगभग दो प्रतिशत घटा है। भारतीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 66,428 डॉलर और इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 64,077 डॉलर का था।
Ether के प्राइस में भी गिरावट थी। भारतीय एक्सचेंजों पर यह लगभग 2,877 डॉलर और इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 2,745 डॉलर पर था। इसके अलावा Solana, Polkadot, Cardano, Polygon, Cronos और Bitcon SV के प्राइस भी घटे हैं। पिछले एक दिन में
क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.40 प्रतिशत कम होकर लगभग 2.25 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज Mudrex के CEO, Edul Patel ने बताया कि मार्केट में वोलैटिलिटी के बावजूद बिटकॉइन 69,000 डॉलर पर पहुंच सकता है। हालांकि, टेलीग्राम के को-फाउंडर, Durov की गिरफ्तारी से क्रिप्टो मार्केट पर प्रेशर बढ़ा है। क्रिप्टो ऐप CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने कहा, "फ्रांस में Durov की गिरफ्तारी से Telegram के Toncoin में तीन अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है।" मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है।
क्रिप्टो एक्सचेंज Binance की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से जून के बीच
बिटकॉइन ने ग्रोथ दर्ज की है। इसके पीछे बिटकॉइन ETF की शुरुआत होना और इसके नेटवर्क की चौथी हाविंग प्रमुख कारण हैं। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether की वैल्यू भी तेजी से बढ़ी है। अमेरिका में बिटकॉइन ETFs में लगभग 17 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट किया गया है। इन ETFs में प्रति दिन की औसत ट्रेडिंग लगभग 2.3 अरब डॉलर की है। इस वर्ष बिटकॉइन ने लगभग तीन वर्षों के बाद अपना नया हाई लेवल बनाया था। इसका प्राइस मार्च में 73,737 डॉलर से अधिक पर पहुंचा था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से इसमें गिरावट है। बिटकॉइन में गिरावट के पीछे कुछ देशों के बीच तनाव और रेगुलेटरी चुनौतियां बड़े कारण हैं। हालांकि, केंद्र सरकार की इस सेगमेंट को रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं है। यूरोपियन यूनियन और UAE ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए हैं।