'Smart Privacy Protection' जैसा फीचर आमतौर पर सुरक्षा और प्राइवेसी को ऑटोमैटिक रूप से मजबूत करने वाला एक पैकेज होता है।
Vivo स्मार्टफोन्स में Smart Privacy Protection को इनेबल करने का तरीका आसान है
Photo Credit: Unsplash/ Franck
आजकल ज्यादातर ऐप्स छोटी-छोटी, लगातार-सेंसिटिव जानकारी इस्तेमाल करते हैं, लोकेशन, ऑडियो रिकॉर्डिंग, कैमरा, 2FA और क्लिपबोर्ड डेटा। बहुत बार ऐप्स अनजाने में या बैकग्राउंड में ये एक्सेस लेते रहते हैं और यूजर को पता भी नहीं चलता। Android ने पिछले कुछ सालों में Privacy टूल्स जोड़े हैं पर हर निर्माता ने उन्हें अपनी UI में अलग-अलग जगह रखा है, इसलिए कई यूजर्स उन जरूरी सेफ्टी ऑप्शन्स को मिस कर देते हैं। Vivo और iQOO के फोन्स में Smart Privacy Protection का मकसद यही है, सिस्टम-लेवल की ऐसी सेटिंग्स जो थर्ड-पार्टी ऐप्स को सेंसेटिव एक्सेस या बैकग्राउंड स्क्रीनशॉट व रिकॉर्डिंग करने से रोकती है। अगर आप इन्हें सही तरीके से ऑन कर लें तो आपका पासवर्ड गलत हाथों में पड़ने से बचाया जा सकता है।
'Smart Privacy Protection' जैसा फीचर आमतौर पर सुरक्षा और प्राइवेसी को ऑटोमैटिक रूप से मजबूत करने वाला एक पैकेज होता है। कई बार हमारे फोन में मैलवेयर या गलत ऐप्स होते हैं, जिनका मकसद कीप्रेस लॉगिंग, या बैकग्राउंड में स्क्रीनशॉट या स्क्रीन रिकॉर्ड करना होता है। ऐसे में जब यूजर अपने फोन में किसी ऐप या पोर्टल पर पासवर्ड डालता है, तो वो पासवर्ड गलत हाथों तक पहुंच सकता है। यह सेटिंग्स इसी चीज को रोकने का काम करती है।
यह स्मार्टफोन OEM के ऊपर निर्भर करता है कि Android पर बेस्ड उनकी स्किन इस फीचर को किस नाम से देती है। Vivo स्मार्टफोन्स में इसे इनेबल करने का तरीका आसान है।
आज के समय में यह फीचर बहुत काम का हो सकता है, जब ऑनलाइन ऐसे मालवेयर मौजूद हैं, जो फोन के अंदर छिपे होते हैं और आपको पता भी नहीं चलता। ये ऐप्स या मैलवेयर हैकर्स को आपका फोन का एक्सेस दे सकते हैं या बैकग्राउंड में स्क्रीन रिकॉर्डिंग ऑन कर सकते हैं, जिससे आप जो पासवर्ड लिख रहे हैं, वो रिकॉर्ड हो सकता है और हैकर उसका एक्सेस ले सकता है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।