AI डिटेक्शन टूल अब लोगों की नौकरी खा रहे हैं! पाकिस्तान में एक कंटेंट राइटर को जॉब इंटरव्यू से सिर्फ इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया, क्योंकि एआई डिटेक्टर ने उनके ओरिजिनल काम को एआई जनरेटेड बता दिया। हैरानी की बात है कि रिक्रूटर भी एआई पर भरोसा कर गए और आवेदक को जॉब नहीं मिल पाई। कंटेंट राइटर दामिशा इरफान ने अपने साथ हुए इस वाकये को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। दामिशा ने लिंक्डइन पर बताया कि उनका कंटेंट ओरिजिनल था, फिर भी ‘धोखेबाज' AI टूल ने उसे रिजेक्ट कर दिया।
उन्होंने कहा कि एआई टूल, आज भी ओरिजिनल ह्यूमन क्रिएटिविटी और एआई जनरेटेड टेक्स्ट के बीच फर्क नहीं कर पाते। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या हम फॉल्टी तकनीक के कारण टैलंट को खो रहे हैं। दोषपूर्ण तकनीक के कारण प्रतिभा खो रहे हैं?
जाहिर तौर पर दामिशा ने ऐसे एआई टूल्स के इस्तेमाल पर सवाल उठाया है। उनकी पोस्ट काफी सुर्खियां बटोर रही है और इससे यह सवाल भी खड़ा हुआ है कि क्या जॉब इंटरव्यू के दौरान इस तरह के टूल इस्तेमाल किए जाने चाहिए। दामिशा के जैसा ही अनुभव कई और लोगों ने भी किया है। उन्होंने अपने हालात को पोस्ट में बयां किया है।
पहले भी ऐसे मामले देखे गए हैं, जिनमें एआई टूल डिटेक्टर, ओरिजिनल कंटेंट और एआई कंटेंट के बीच फर्क नहीं कर पाए। अक्सर देखा गया है कि हाई-क्वॉलिटी कंटेंट को कई बार एआई जनरेटेड कंटेंट मान लिया जाता है। इस वजह से जॉब इंटरव्यू के दौरान लोगों को मुश्किलें आती हैं।
दामिशा के पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा कि उन्होंने हाल ही में AI की थोड़ी मदद से कुछ कंटेंट बनाया था। बाद में एआई ने अपनी लिखी लाइनों को ही ह्यूमन जनरेटेड बता दिया। और जो लाइनें उन्होंने लिखी थीं, उन्हें एआई जनरेटेड बताया। बहरहाल, दामिशा का मामला इंटरनेट पर सुर्खियां बना हुआ है।