आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के मेनस्ट्रीम में आने के बाद से लोगों के मन में केवल एक ही सवाल रहता है कि कहीं भविष्य में AI हमारी नौकरी के लिए खतरा तो साबित नहीं होगा। अब, इसी डर को Zoho के संस्थापक श्रीधर वेम्बु की भविष्यवाणी और बढ़ा देती है, जिसमें उन्होंने कहा है कि AI प्रोग्रामिंग के 90% काम को संभाल लेगा, खासकर दोहराए जाने वाले कार्यों को। हालांकि, केवल इतने से किसी निर्णय पर पहुंचना समझदारी नही होगी, क्योंकि उन्होंने अपने पोस्ट में कई अन्य तर्क भी दिए हैं।
वेम्बु ने X (पहले ट्विटर) पर अपने एक पोस्ट में लिखा, "जब लोग कहते हैं 'AI 90% कोड लिखेगा' तो मैं सहमत होता हूं क्योंकि प्रोग्रामर्स जो 90% लिखते हैं वह 'बॉयलर प्लेट' होता है।" वेम्बु के अनुसार, प्रोग्रामिंग में "आवश्यक जटिलता" होती है और फिर बहुत सारी "आकस्मिक जटिलता" (यानी बॉयलर प्लेट स्टफ) होती है। AI इस आकस्मिक जटिलता को प्रभावी ढंग से हटाता है, लेकिन मुख्य चुनौतियों से निपटने के लिए मानव विशेषज्ञता आवश्यक बनी रहती है।"
उन्होंने सवाल उठाया, "मूल रूप से, AI पहले से खोजे गए पैटर्न्स का आसानी से विश्लेषण कर सकता है। क्या यह पूरी तरह से नए पैटर्न खोज सकता है?"
वेम्बु ने जनवरी में Zoho के CEO पद से इस्तीफा दिया ताकि वे रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोग्राम पर फोकस कर सकें। उन्होंने उस समय कहा था कि "हमारे सामने विभिन्न चुनौतियों और अवसरों को देखते हुए, जिसमें AI में हालिया प्रमुख विकास शामिल हैं, यह फैसला लिया गया है कि मुझे रिसर्च एंड डेवलपमेंट पहलों पर फोकस करना चाहिए, साथ ही अपने व्यक्तिगत ग्रामीण विकास मिशन को आगे बढ़ाना चाहिए।"
OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने भी
चेतावनी दी है कि AI मॉडल्स का डेवलपमेंट अंततः सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की आवश्यकता को कम कर सकता है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "प्रत्येक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कुछ समय के लिए बहुत अधिक काम करेगा। और फिर किसी बिंदु पर, हां, शायद हमें कम सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की आवश्यकता होगी।"
ऑल्टमैन ने यह भी बताया कि कई कंपनियों में "कम से कम आधा" कोड पहले से ही AI द्वारा लिखा जा रहा है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कई कंपनियों में, यह शायद अब 50% से अधिक है।"