इसे डेटा की चोरी के सबसे बड़े मामलों में से एक बताया जा रहा है। इससे Apple और Google सहित बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ ही कई देशों की सरकारी वेबसाइट्स पर असर पड़ा है। डेटा की इस चोरी से पर्सनल डिटेल्स तक हैकर्स की पहुंच का खतरा है, जिसका इस्तेमाल एकाउंट्स पर कंट्रोल करने, आइडेंटिटी की चोरी और फिशिंग अटैक्स के लिए किया जा सकता है।
साइबरक्राइम इंटेलीजेंस कंपनी Hudson Rock के को-फाउंडर और सीटीओ Alon Gal ने शनिवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि एक यूज़र ने निचले स्तर के एक हैकिंग फोरम में 533 मिलियन यानी 53 करोड़ फेसबुक यूज़र्स की निजी जानकारियों को पब्लिश कर दिया है।
Facebook Data Hack: रिपोर्ट में कुछ स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं। इनमें से एक से पता चलता है कि बॉट को 12 जनवरी, 2021 को एक्टिवेट किया गया था, लेकिन बेचा जा रहा डेटाबेस 2019 का है।
ज़ोमैटो ने गुरुवार को माना कि उससे डेटाबेस में बड़ी सेंधमारी हुई है। कंपनी के 12 करोड़ यूज़र में से 1.7 करोड़ यूज़र की जानकारी को डेटाबेस से चुरा लिया गया है।