फुटे ने ग्लास सिलेंडर के अंदर पारा थर्मोमीटर रखे और पता लगाया कि जिस सिलेंडर में कार्बन डाइऑक्साइड थी, वह सूरज की रोशनी में सबसे ज्यादा गर्म हुआ। यानि कि जितनी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड, उतनी ज्यादा गर्मी।
रिपोर्ट कहती है कि मानव ने अपनी गतिविधियों के कारण 1800 से लेकर अब तक धरती का तापमान 1.14 डिग्री सेल्सियस बढ़ा दिया है। यह 0.2 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से बढ़ रहा है।
दीमक जब खराब लकड़ी (dead wood) को खाता है तो इससे कार्बन डाइऑक्साइड और मिथेन जैसी गैसें निकलती हैं। ये गैसें वायुमंडल में इकट्ठा होकर धरती का तापमान बढ़ाने में सहायक बन रही हैं।
WMO ने कहा है कि 2022 और 2026 के बीच कम से कम एक वर्ष में रिकॉर्ड पर सबसे गर्म होने का 93 प्रतिशत मौका है, जिसके बाद वह संभावित साल 2016 को टॉप पोजीशन से दूसरे नंबर पर ले आएगा।
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